ETV Bharat / city

नोएडा प्राधिकरण में 7 करोड़ का घोटाला, 2 अधिकारियों समेत 3 के खिलाफ FIR

नोएडा प्राधिकरण से 7 करोड़ रुपये घोटाले का मामला सामने आया है. हैरानी की बात ये है कि जो मामला कोर्ट में विचाराधीन था उस मामले में भी विभागीय अधिकारियों ने मुआवजा जारी कर दिया, वो भी 7 करोड़ रुपये. पढ़िए क्या है पूरी ख़बर.

fir lodged against three in Noida Authority scam
नोएडा प्राधिकरण में 7 करोड़ का घोटाला
author img

By

Published : May 23, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 8:30 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: विभागीय अधिकारी भी अगर किसी घोटाले में संलिप्त हों तो विभाग को करोड़ों का भी चूना लग सकता है और किसी को कानों-कान तक ख़बर नहीं होती. एक ऐसी ही मामला नोएडा प्राधिकरण से सामने आया है. जहां के दो अधिकारियों समेत तीन लोगों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज किया गया है.

आरोप है कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला को लाभ पहुंचाने का काम किया. आरोपों के मुताबिक करीब 7 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. जिसकी जांच अब नोएडा सेक्टर थाना 20 की पुलिस कर रही है.

fir lodged against three in Noida Authority scam
एफआईआर की कॉपी.

विधिक अधिकारी ने दर्ज कराई है शिकायत

दरअसल, नोएडा प्राधिकरण के विधिक अधिकारी विधि विभाग सुशील भाटी ने नोएडा के थाना सेक्टर 20 में मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें लिखा है कि प्राधिकरण के वर्ष 2015 में सहायक विधिक अधिकारी के पद पर तैनात वीरेंद्र सिंह नगर और विधिक सलाहकार अधिकारी दिनेश कुमार सिंह को श्रीमती रामवती नामक एक महिला ने जमीन के मुआवजे के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर बिना कोई जांच किए दोनों अधिकारियों ने प्रार्थना पत्र मिलने की तारीख के दिन ही उसे 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 रुपये का चेक जारी कर दिया.

नोएडा प्राधिकरण में 7 करोड़ का घोटाला

ये भी पढें: सागर पहलवान हत्याकांड: कोर्ट ने सुशील कुमार को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

साल 1983 का है मामला

जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन था. पूरा मामला साल 1983 का है. सुशील भाटी की ओर से दी गई, तहरीर में ये भी कहा गया है कि विधिक अधिकारियों द्वारा गलत भुगतान किए जाने से प्राधिकरण को वर्तमान में 12 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. अब पुलिस ने इस मामले में धारा 420 ,467, 468 ,471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

fir lodged against three in Noida Authority scam
एफआईआर की कॉपी.

अब तक नहीं जारी किया है अधिकारिक बयान

बता दें कि इस मामले में अब तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: विभागीय अधिकारी भी अगर किसी घोटाले में संलिप्त हों तो विभाग को करोड़ों का भी चूना लग सकता है और किसी को कानों-कान तक ख़बर नहीं होती. एक ऐसी ही मामला नोएडा प्राधिकरण से सामने आया है. जहां के दो अधिकारियों समेत तीन लोगों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज किया गया है.

आरोप है कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला को लाभ पहुंचाने का काम किया. आरोपों के मुताबिक करीब 7 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. जिसकी जांच अब नोएडा सेक्टर थाना 20 की पुलिस कर रही है.

fir lodged against three in Noida Authority scam
एफआईआर की कॉपी.

विधिक अधिकारी ने दर्ज कराई है शिकायत

दरअसल, नोएडा प्राधिकरण के विधिक अधिकारी विधि विभाग सुशील भाटी ने नोएडा के थाना सेक्टर 20 में मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें लिखा है कि प्राधिकरण के वर्ष 2015 में सहायक विधिक अधिकारी के पद पर तैनात वीरेंद्र सिंह नगर और विधिक सलाहकार अधिकारी दिनेश कुमार सिंह को श्रीमती रामवती नामक एक महिला ने जमीन के मुआवजे के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर बिना कोई जांच किए दोनों अधिकारियों ने प्रार्थना पत्र मिलने की तारीख के दिन ही उसे 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 रुपये का चेक जारी कर दिया.

नोएडा प्राधिकरण में 7 करोड़ का घोटाला

ये भी पढें: सागर पहलवान हत्याकांड: कोर्ट ने सुशील कुमार को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

साल 1983 का है मामला

जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन था. पूरा मामला साल 1983 का है. सुशील भाटी की ओर से दी गई, तहरीर में ये भी कहा गया है कि विधिक अधिकारियों द्वारा गलत भुगतान किए जाने से प्राधिकरण को वर्तमान में 12 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. अब पुलिस ने इस मामले में धारा 420 ,467, 468 ,471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

fir lodged against three in Noida Authority scam
एफआईआर की कॉपी.

अब तक नहीं जारी किया है अधिकारिक बयान

बता दें कि इस मामले में अब तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

Last Updated : Jun 17, 2021, 8:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.