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किसानों ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय का किया घेराव, 24वें दिन धरना जारी

नोएडा में पिछले 24 दिनों से किसानों का धरना जारी है. 24वें दिन किसानों ने नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में किसान ढोल-नगाड़े लेकर पहुंचे.

Noida Authority office
किसानों का प्रदर्शन जारी
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Published : Mar 4, 2020, 6:06 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: पिछले 24 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. बता दें कि नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित कार्यालय के बाहर पिछले 24 दिनों से विरोध जता रहे हैं. आज किसानों ने प्राधिकरण के कार्यालय का घेराव किया.

किसानों का प्रदर्शन जारी

किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन

बता दें कि बीते 3 हफ्तों से ज्यादा वक्त से नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों का आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान आज ढोल-नगाड़े के साथ प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे. बीते दिनों जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह और नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितू माहेश्वरी से इनकी बातचीत बेनतीजा रही.


ये हैं किसानों की मांगें

  1. आबादी निस्तारण होने तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करके आबादी जहां जैसी है उसे छोड़ा जाए.
  2. 1997 से आज तक जिन किसानों के जमीन अधिग्रहण हुई है उन किसानों को 10 फीसदी भूखंड और अतिरिक्त 64.7 फ़ीसदी मुआवजा का निस्तारण किया जाए.
  3. गांव में अव्यवहारिक भवन नियमावली को निरस्त करना.
  4. साल 1977 से 1997 तक के किसानों को किसान कोटे के भूखंड जल देने की मांग.

नई दिल्ली/नोएडा: पिछले 24 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. बता दें कि नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित कार्यालय के बाहर पिछले 24 दिनों से विरोध जता रहे हैं. आज किसानों ने प्राधिकरण के कार्यालय का घेराव किया.

किसानों का प्रदर्शन जारी

किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन

बता दें कि बीते 3 हफ्तों से ज्यादा वक्त से नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों का आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान आज ढोल-नगाड़े के साथ प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे. बीते दिनों जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह और नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितू माहेश्वरी से इनकी बातचीत बेनतीजा रही.


ये हैं किसानों की मांगें

  1. आबादी निस्तारण होने तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करके आबादी जहां जैसी है उसे छोड़ा जाए.
  2. 1997 से आज तक जिन किसानों के जमीन अधिग्रहण हुई है उन किसानों को 10 फीसदी भूखंड और अतिरिक्त 64.7 फ़ीसदी मुआवजा का निस्तारण किया जाए.
  3. गांव में अव्यवहारिक भवन नियमावली को निरस्त करना.
  4. साल 1977 से 1997 तक के किसानों को किसान कोटे के भूखंड जल देने की मांग.
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