नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के 81 गावों के किसान करीब चार महीने से नोएडा प्राधिकरण के बाद अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बीते दस दिन से वह आमरण अनशन(indefinite strike) पर भी बैठे हुए हैं. जिसमें से दर्जन किसानों की हालत बिगड़ी हुई है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे किसानों को चिकित्सा की बेहतर सुविधा भी नहीं मिल रही है. जिसके चलते किसानों ने जिला अस्पताल में धरना दिया हुआ है. वहीं जिला अस्पताल की सीएमएस ने आश्वासन दिया है कि उनकी चिकित्सा व्यवस्था में कोई कमी नहीं आएगी और रेगुलर डॉक्टर उनकी देखरेख करेंगे.
अस्पताल के अंदर नारेबाजी कर रहे सभी बीमार किसान व उनके परिजन दरअसल नोएडा अथॉरिटी के बाहर अनशन पर बैठे हैं. करीब दो दर्जन से ज्यादा किसान बीमार पड़ने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जहां कुछ तो ठीक होकर वापस धरना स्थल पर लौट गए हैं.
जबकि भारतीय किसान यूनियन परिषद (bhartiya kisan union) के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा सहित एक दर्जन से ज्यादा किसान अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इनका आरोप है कि उनको अस्पताल की तरफ से न तो कोई डॉक्टर देखने आ रहा है और न ही कोई चिकित्सा सुविधा सही से उपलब्ध कराई जा रही है. किसानों का कहना है कि अगर उन्हें ठीक से इलाज नहीं दिया गया तो वह अस्पताल के अंदर ही धरने पर बैठ जाएंगे. इसी बीच सूचना पाकर जिला अस्पताल की सीएमएस किसानों के बीच पहुंची और उन्हें समझाया.
सीएमएस का कहना है कि किसानों को समझाने पर वह धरने और नारेबाजी को खत्म कर वापस अपने बेड पर लौट आए हैं. जो भी कमी रहेगी, उसे डॉक्टर और जिला अस्पताल पूरा करेंगे.