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चिल्ला बॉर्डर: किसानों ने रस्साकशी कार्यक्रम कर सरकार को दिया संदेश

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Published : Jan 16, 2021, 8:28 PM IST

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने रस्साकशी कार्यक्रम रखा, जिसमें किसानों ने केंद्र सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया.

farmer protest at noida chilla border
चिल्ला बॉर्डर किसान प्रदर्शन

नई दिल्ली/नोएडाः सेक्टर 14ए स्थित चिल्ला बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु के धरने के 47वें दिन भी प्रदर्शन जारी रहा. किसानों ने लंबे वक्त से सरकार और किसानों के बीच चल रही रस्साकशी को नाट्य के जरिए प्रदर्शित किया.

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का रस्साकशी कार्यक्रम

सरकार और किसानों के बीच रस्साकशी कार्यक्रम रखा गया, जिसमें किसानों ने केंद्र सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया. किसानों ने सरकार को सीधा संदेश देते हुए कहा कि या तो बात मान जाओ और MSP की गारंटी और तीनों कृषि कानून वापिस हों, नहीं तो आने वाले दिनों सरकार का भी यही हाल होगा.

भारतीय किसान यूनियन भानु प्रदेश महामंत्री चौधरी बीसी प्रधान ने जानकारी बताया कि सरकार और किसानों के बीच रस्साकशी का कार्यक्रम रखा गया. कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को संदेश देने की कोशिश की गई कि जैसे रस्साकशी कार्यक्रम के दौरान सरकार के चारों खाने चित कर दिए, वैसे ही अगर किसानों की बात को आने वाले दिनों में नहीं माना गया, तो किसान सरकार को ऐसे ही परास्त कर देंगे.

'26 जनवरी को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक सकता'

भारतीय किसान यूनियन भानु चिल्ला बॉर्डर पर 47वें दिन से प्रदर्शन कर रही है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि 20 जनवरी से पहले जितने दौर की वार्ता करनी है, उसका स्वागत है, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला, तो 26 जनवरी को दिल्ली जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है.

नई दिल्ली/नोएडाः सेक्टर 14ए स्थित चिल्ला बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु के धरने के 47वें दिन भी प्रदर्शन जारी रहा. किसानों ने लंबे वक्त से सरकार और किसानों के बीच चल रही रस्साकशी को नाट्य के जरिए प्रदर्शित किया.

चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का रस्साकशी कार्यक्रम

सरकार और किसानों के बीच रस्साकशी कार्यक्रम रखा गया, जिसमें किसानों ने केंद्र सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया. किसानों ने सरकार को सीधा संदेश देते हुए कहा कि या तो बात मान जाओ और MSP की गारंटी और तीनों कृषि कानून वापिस हों, नहीं तो आने वाले दिनों सरकार का भी यही हाल होगा.

भारतीय किसान यूनियन भानु प्रदेश महामंत्री चौधरी बीसी प्रधान ने जानकारी बताया कि सरकार और किसानों के बीच रस्साकशी का कार्यक्रम रखा गया. कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को संदेश देने की कोशिश की गई कि जैसे रस्साकशी कार्यक्रम के दौरान सरकार के चारों खाने चित कर दिए, वैसे ही अगर किसानों की बात को आने वाले दिनों में नहीं माना गया, तो किसान सरकार को ऐसे ही परास्त कर देंगे.

'26 जनवरी को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक सकता'

भारतीय किसान यूनियन भानु चिल्ला बॉर्डर पर 47वें दिन से प्रदर्शन कर रही है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि 20 जनवरी से पहले जितने दौर की वार्ता करनी है, उसका स्वागत है, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला, तो 26 जनवरी को दिल्ली जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है.

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