नई दिल्ली/नोएडा: हर मां-बाप की दिली तमन्ना होती है कि उसका बच्चा बड़ा होकर प्राशासनिक अधिकारी बने, पर हर किसी का सपना पूरा नहीं होता. लेकिन जो बच्चे ठान लेते हैं वो एक न एक दिन अपना और अपने मां-बाप का सपना पूरा कर ही लेते हैं. ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी से आज ईटीवी भारत आपको मिलवाएगा. जी हां नोएडा में एसीपी द्वितीय के पद पर तैनात रजनीश वर्मा से ईटीवी भारत के संवाददाता संजीव उपाध्यान से खास बातचीत की.
रजनीश वर्मा ने बताया कि कैसे अपने स्कूल की पढ़ाई के दौरान वो स्काउट एंड गाइड का हिस्सा बने और कैसे वहीं से उन्हें पुलिस विभाग में जाने की प्रेरणा मिली. हमेशा लोगों की मदद करने वाले रजनीश वर्मा को अपने बेहतरीन काम के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति से पुरस्कार भी मिल चुका है.
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नोएडा जोन के एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा का जन्म 1990 में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में हुआ था. 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने उसी स्कूल से किया जहां उनके माता-पिता प्रिंसिपल के पद पर तैनात थे. उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई लखनऊ और उसके बाद पीपीएस की तैयारी दिल्ली में शिफ्ट हो गये. 2015 में मेरा पीपीएस में चयन हुआ जिसके बाद उन्होंने बरेली में ट्रेनिंग की. कानपुर, चंदौली जिलों में पोस्टिंग रही और ढाई साल डीजीपी ऑफिस में काम किया. रजनीश वर्मा अपने दो साल के कार्यकाल में फिलहाल नोएडा में तैनात है. जहां वो हर रोज बेहतर काम करने की कोशिश करते हैं.
एसीपी रजनीश वर्मा ने अक्षय कालरा ब्लाइंड मर्डर केस को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और 57 दिन तक कड़ी मेहनत के बाद मुठभेड़ में घटना में शामिल 7 मुजरिमों को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि अक्षय कालरा के परिवार ने पुलिस पर विश्वास जताया और उसी विश्वास का नतीजा रहा कि हमने उस घटना का खुलासा किया और मुजरिमों को गिरफ्तार किया.
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पुलिस कैसे काम करे इसे लेकर एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि हर पुलिसकर्मी को आम जनता की बात को पहले सुनना चाहिए. किसी भी पीड़ित की पूरी बात सुनने से उसकी परेशानी आधी हो जाती है. जनता की बात सुनने और जनता से मिलने का काम हर पुलिसकर्मी और अधिकारी को करना चाहिए. इसके साथ ही पुलिस को हर वह बेहतर कार्य करना चाहिए, जिससे आम जनता सुरक्षित हो और पुलिस के प्रति आम जनता का नजरिया बेहतर हो.