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नोएडाः जेल में सजा काट चुके आरोपी का जुर्माना जमा कर डीएलएसए ने कराया रिहा - DLSA released a prisoner by paying a fine

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) ने एक ऐसे कैदी को बाहर निकलने में मदद की है, जो सजा तो पूरी कर चुके थे लेकिन गरीबी के कारण अर्थदंड जमा नहीं कर पाए थे. हैप्पी नामक कैदी पर नोएडा में लूट और बरामदगी के पांच मामले दर्ज थे, लेकिन वह सभी में ढाई-ढाई साल सजा काट चुके थे.

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Published : Sep 26, 2022, 10:38 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः जेल में सजा काट चुके एक आरोपी द्वारा अर्थदंड जमा न करने पर जेल से रिहा नहीं किया जा रहा था, जिसको लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी- डीएलएसए) ने आरोपी की सजा पूर्ण होने के बाद उसके अर्थदंड की राशि जमा कराई गई, जिसके बाद जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर से आरोपी को बरी कर दिया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) के सचिव जय हिंद कुमार सिंह (Jai Hind Kumar Singh) ने बताया कि आरोपी हैप्पी पर नोएडा में लूट और बरामदगी के पांच मामले दर्ज थे. सभी मामलों में आरोपी को ढाई-ढाई साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. सभी मामलों में सजा एक साथ चलनी थी, जिसके चलते आरोपी ने पांचों मामलों में अपनी सजा पूर्ण कर ली. लेकिन सजा के साथ में आरोपी पर ₹30,000 का अर्थदंड भी लगाया गया, जिसको आरोपी गरीब होने के कारण जमा नहीं कर पाया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने गलगोटिया यूनिवर्सिटी में चल रहे लीगल एड क्लीनिक द्वारा आरोपी के अर्थदंड के रूप में 10,000 रुपए जिला न्यायालय में जमा कराए. इसके बाद आरोपी हैप्पी को जिला कारागार लक्सर से रिहा किया गया.

डीएलएसए के सचिव जय हिंद कुमार सिंह

ये भी पढ़ेंः अपराध का शिकार होने पर DLSA करेगा आपकी मदद...जानिए कैसे

गौतमबुद्ध नगर में डीएलएसए द्वारा विश्वविद्यालयों और तहसील स्तर पर लीगल एड क्लीनिक चलाई जा रही है, जिनमें गरीब व्यक्तियों को कानूनी सलाह मुफ्त दी जाती है. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण जेल में समय-समय पर लोक अदालत लगाता है, जिसमें जेल में सजा काट चुके ऐसे लोग जिनको न्यायिक मदद की आवश्यकता होती है या धन की कमी के कारण अधिवक्ता नियुक्त नहीं कर पाते. ऐसे लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण लोक अदालत के माध्यम से उनकी सुनवाई करता है और उनको कानूनी सहायता देकर उनकी मदद करता है.

नई दिल्ली/नोएडाः जेल में सजा काट चुके एक आरोपी द्वारा अर्थदंड जमा न करने पर जेल से रिहा नहीं किया जा रहा था, जिसको लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी- डीएलएसए) ने आरोपी की सजा पूर्ण होने के बाद उसके अर्थदंड की राशि जमा कराई गई, जिसके बाद जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर से आरोपी को बरी कर दिया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) के सचिव जय हिंद कुमार सिंह (Jai Hind Kumar Singh) ने बताया कि आरोपी हैप्पी पर नोएडा में लूट और बरामदगी के पांच मामले दर्ज थे. सभी मामलों में आरोपी को ढाई-ढाई साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी. सभी मामलों में सजा एक साथ चलनी थी, जिसके चलते आरोपी ने पांचों मामलों में अपनी सजा पूर्ण कर ली. लेकिन सजा के साथ में आरोपी पर ₹30,000 का अर्थदंड भी लगाया गया, जिसको आरोपी गरीब होने के कारण जमा नहीं कर पाया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने गलगोटिया यूनिवर्सिटी में चल रहे लीगल एड क्लीनिक द्वारा आरोपी के अर्थदंड के रूप में 10,000 रुपए जिला न्यायालय में जमा कराए. इसके बाद आरोपी हैप्पी को जिला कारागार लक्सर से रिहा किया गया.

डीएलएसए के सचिव जय हिंद कुमार सिंह

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गौतमबुद्ध नगर में डीएलएसए द्वारा विश्वविद्यालयों और तहसील स्तर पर लीगल एड क्लीनिक चलाई जा रही है, जिनमें गरीब व्यक्तियों को कानूनी सलाह मुफ्त दी जाती है. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण जेल में समय-समय पर लोक अदालत लगाता है, जिसमें जेल में सजा काट चुके ऐसे लोग जिनको न्यायिक मदद की आवश्यकता होती है या धन की कमी के कारण अधिवक्ता नियुक्त नहीं कर पाते. ऐसे लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण लोक अदालत के माध्यम से उनकी सुनवाई करता है और उनको कानूनी सहायता देकर उनकी मदद करता है.

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