नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण में डीएसपी के पद पर तैनात हर्षवर्धन सिंह भदौरिया पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है. भदौरिया 2003 से ही विवादों में घिरे रहे हैं.
हर्षवर्धन सिंह भदौरिया पर आए दिन कभी राजनीतिक पार्टी की तरफ से तो कभी समाज सेवी संगठनों की तरफ से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं.
अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी
सरकार बदलते ही हर्षवर्धन सिंह भदोरिया ने रिटायरमेंट ले लिया था. रिटायरमेंट के बाद अब जाकर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है. मामले में अभी तक हर्षवर्धन सिंह भदोरिया की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण संगठन मेरठ द्वारा दर्ज कराया गया है.
जाने क्या था मामला
30 मई 1981 को उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर हर्षवर्धन सिंह भदोरिया की भर्ती हुई थी. आरोप है कि हर्षवर्धन सिंह भदोरिया ने सेवा में आने के बाद 1 जनवरी 2003 से 29 मई 2017 तक अकूत परिसंपत्तियां अर्जित की. उपरोक्त अवधि में हर्षवर्धन सिंह भदोरिया वेतन भत्तों एरियर और बैंक आदि के कुल शुद्ध आय आठ लाख 32 हजार 324 हुई.
इस अवधि में हर्षवर्धन सिंह द्वारा पारिवारिक भरण-पोषण भूखंड आदि के खरीदने पर करीब 10 करोड़ 63 लाख76 हजार 352 रुपए खर्च किया गया. इसके अतिरिक्त आरोपी के पास और भी परिसंपत्तियां होने की संभावना है. आरोप ये भी है कि हर्षवर्धन सिंह भदोरिया ने इटावा और नोएडा काफी संपत्ति अर्जित की है. जिसे देखते हुए आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया.