नई दिल्ली/नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान से बाहर जाकर मथुरा में 126 करोड़ रुपये की जमीन घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई की टीम ने यमुना अथॉरिटी पहुंचकर घोटाले से संबंधित कई फाइलें खंगाली.
बताया जा रहा है कि मथुरा में जमीन खरीदने के लिए बोर्ड बैठक में लिए गए फैसले से संबंधित फाइलें भी सीबीआई ने अपने कब्जे में ले ली हैं. जांच के दौरान सीबीआई फाइलों की मदद से कई बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती है.
अधिकारियों पर लटकी तलवार
विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण क्षेत्र के 5 जिलों के जिलाधिकारी और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जांच के दायरे में हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में यमुना प्राधिकरण में तैनात रहे तत्कालीन अफसरों ने मथुरा में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीद ली.
जमीन की खरीद पर प्राधिकरण ने 126 करोड़ रुपये खर्च किए थे. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो मामले का खुलासा हुआ, तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता और तहसीलदार समेत आधा दर्जन लोग अभी मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
22 लोगों को बनाया आरोपी
बता दें कि जमीन खरीद घोटाले में कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें जांच के दौरान कुछ अन्य के नाम भी शामिल कर लिए गए हैं. मामले को लेकर यमुना प्राधिकरण कार्यालय में सीबीआई की टीम पहुंची.
बताया जा रहा है कि सीबीआई के अफसरों ने वित्त विभाग और भूमि विभाग में घोटाले से जुड़े कुछ दस्तावेजों की जांच की है. बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दस्तावेज टीम के सदस्य साथ भी ले गए हैं.
मामले में कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों ने अपने रिश्तेदार और सत्ता से जुड़े लोगों को जमीन खरीदने के प्रस्ताव की जानकारी पहले ही दे दी थी.