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25 जून को 'काले दिवस' के रूप में याद करते हैं भारतवासी: चमन अवाना - congress

नोएडा महानगर युवा मोर्चा अध्यक्ष चमन अवाना ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाई और लोगों के अधिकारों का हनन किया. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस दिन को काला दिवस के तौर पर याद करते हैं.

BJP Yuva Morcha worker protest on 45th Anniversary of Emergency
आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर BJP का प्रदर्शन
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Published : Jun 25, 2020, 3:14 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में नोएडा के भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष चमन अवाना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर BJP का प्रदर्शन

कार्यकर्ताओं ने कहा आपातकाल को काले दिवस के तौर पर याद करते हैं देशवासी और नई पीढ़ी को भी पता चले कि सत्ता लालच के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने देश में आपातकाल लगाई इसलिए कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.


आपातकाल इतिहास में काले दिवस के तौर पर दर्ज़

नोएडा महानगर युवा मोर्चा अध्यक्ष चमन अवाना ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाई और लोगों के अधिकारों का हनन किया. विपक्षी नेताओं को जेल में जबरदस्ती जेल भेजा, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस दिन को काला दिवस के तौर पर याद करते हैं. आपातकाल के दौरान लोगों पर अत्याचार किया गया उनके अधिकारों का हनन किया गया ऐसे में लोगों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के क्रूर निर्णय के बारे में जानकारी देने कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं.


21 महीने आपातकाल

बता दें 25 जून 1975 से लेकर 23 मार्च 1977 के बीच करीब 21 महीने का असर लोगों को भुलाए नहीं भूलता. मीसा कानून के तहत गिरफ्तारियां की गई थी. प्रेस सेंसरशिप पर मौजूदा सरकार ने रोक लगा दी थी. इस दिन को भारतीय जनता पार्टी काले दिन के तौर पर याद करती है.

नई दिल्ली/नोएडा: आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में नोएडा के भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष चमन अवाना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

आपातकाल की 45वीं वर्षगांठ पर BJP का प्रदर्शन

कार्यकर्ताओं ने कहा आपातकाल को काले दिवस के तौर पर याद करते हैं देशवासी और नई पीढ़ी को भी पता चले कि सत्ता लालच के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने देश में आपातकाल लगाई इसलिए कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.


आपातकाल इतिहास में काले दिवस के तौर पर दर्ज़

नोएडा महानगर युवा मोर्चा अध्यक्ष चमन अवाना ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगाई और लोगों के अधिकारों का हनन किया. विपक्षी नेताओं को जेल में जबरदस्ती जेल भेजा, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस दिन को काला दिवस के तौर पर याद करते हैं. आपातकाल के दौरान लोगों पर अत्याचार किया गया उनके अधिकारों का हनन किया गया ऐसे में लोगों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के क्रूर निर्णय के बारे में जानकारी देने कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं.


21 महीने आपातकाल

बता दें 25 जून 1975 से लेकर 23 मार्च 1977 के बीच करीब 21 महीने का असर लोगों को भुलाए नहीं भूलता. मीसा कानून के तहत गिरफ्तारियां की गई थी. प्रेस सेंसरशिप पर मौजूदा सरकार ने रोक लगा दी थी. इस दिन को भारतीय जनता पार्टी काले दिन के तौर पर याद करती है.

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