नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जिला न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सुपरवाइजर मोहित भाटी हत्याकांड में आरोपी पुनीत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. केस में आरोपी एक नाबालिग के संबंध में मामला अभी विचाराधीन है. विशेष न्यायाधीश एडीजे द्वितीय ज्योत्सना सिंह ने दोषी पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया. केस की सुनवाई के दौरान एक चश्मदीद समेत 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुनीत को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि मोहित भाटी सपा नेता महेश भाटी के बेटे थे और मूल रूप से लुहारली गांव के रहने वाले थे.
सहायक शासकीय अधिवक्ता रोहताश शर्मा ने बताया कि मोहित ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सुपरवाइजर थे. 27 नवंबर 2018 को जब वह आफिस से घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की. इस दौरान मोहित का शव गांव से कुछ दूरी पर कार में मिला. जांच में पता चला कि मोहित को तीन गोलियां मारी गई जिसके बाद डॉक्टरों ने मोहित को मृत घोषित कर दिया था. उन्हें सीने में एक और पीठ में दो गोलियां लगी थी. इसके बाद मामले में दादरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पुनीत भाटी और एक अन्य नाबालिग को गिरफ्तार किया था.
घटना के मुख्य गवाह चंद्रहास ने पुलिस को बताया कि उसने मोहित और पुनीत को कार में देखा था और कार की पिछली सीट पर एक और व्यक्ति बैठा था. व्यक्ति पुलिस जांच में नाबालिग निकला. इसके बाद पुलिस ने पुनीत और नाबालिग को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. नाबालिग के संबंध में किशोर न्याय बोर्ड में मामला विचाराधीन है. पुनीत के खिलाफ गवाह एवं साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
यह भी पढ़ें-दहेज हत्या मामले में अदालत ने पति सहित सास ससुर को सजा सुनाई