नई दिल्ली/गुरुग्रामः देश में महिलाएं लगातार हैवानियत का शिकार हो रही हैं. आए दिन बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं ने महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने अलग-अलग जिलों का जायजा ले रहे हैं. पहली कड़ी में हमने आपको दिखाया कि गुरुग्राम में ई-रिक्शा में यात्रा करने वाली छात्राएं कितनी सुरक्षित हैं. उसके बाद दूसरी कड़ी में आपने देखा कि गुरुग्राम के बसई इलाकों में सुरक्षा इंतजामों के क्या हालात हैं. कॉलेज और सुनसान इलाकों का दौरा करने के बाद हमने जीएमडी बस में महिलाओं की सुरक्षा का जायजा लिया.
शहर के तमाम इलाकों का दौरा करने के बाद हमने यात्रा के दौरान महिलाओं की सुरक्षा का जायजा लिया. हमारे संवाददाता ने गुरुग्राम सिटी बस में सफर करते हुए पड़ताल की. जहां हमने देखा कि बस में सुरक्षा के कुछ इंतजाम जरूर किए गए हैं. हाल ही में शुरू हुई जीएमडीए कि बस सर्विस में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. इसके अलावा बस में एमरजेंसी दरवाजे की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.
'बस सुरक्षित लेकिन गुरुग्राम असुरक्षित'
इस दौरान हमने बस में सफर करने वाली महिलाओं से भी बातचीत की. उनका कहना था कि अन्य बसों के मुकाबले ये बस काफी सुरक्षित है. इस बस में सफर करते हुए महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं. उन्होंने बताया कि जीएमडीए द्वारा चलाई गई ये बसें हर जगह नहीं रूकती. ऐसे में शरारती तत्व बस में नहीं चढ़ पाते और यात्रा में कोई परेशानी नहीं होती. उन्होंने कहा कि बस तो सुरक्षित है लेकिन गुरुग्राम आज भी असुरक्षित है.
'बस में सुरक्षित महसूस करती हूं'
एक अन्य महिला ने बताया कि उन्होंने अभी-अभी इस से सफर करना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि इस बस में वे खुद को सुरक्षित महसूस करतीं है. ये बस उन्हें सीधा उनके घर तक बिना किसी परेशानी के पहुंचाने में काफी मददगार साबित हो रही हैं. सुरक्षा उपकरणों को लेकर उन्होंने कहा कि बस में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा बस में गार्ड भी मौजूद रहता है. वहीं एमरजेंसी गेट भी इस बस में उपलब्ध है.
'नहीं सुरक्षित हैं महिलाएं'
वहीं एडीसी ऑफिस में काम करने वालीं एक महिला ने कहा कि चाहे बस हो या सड़क हो गुरुग्राम में महिलाएं आज भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि भले ही सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध सरकार द्वारा किए गए हों लेकिन उसके बावजूद महिलाएं हैवानियत का शिकार हो ही जाती हैं. उन्होंने बताया कि वे हमेशा 100 से 200 किलोमीटर की दूरी इसी बस से तय करती हैं और इस दौरान ऐसे कई मामलों से उनका सामना होता है.