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कहानी उस मीरपुर गांव की जिसे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने लिया गोद

गाजियाबाद और बागपत के बॉर्डर पर बसा मीरपुर हिंदू गांव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव को वर्ष 2014 में गाजियाबाद के स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह ने गोद लिया था. गोद लेते समय सांसद जनरल वीके सिंह ने दावा किया था कि यह गांव जिले के अन्य गांव के लिए आदर्श स्थापित करेगा. इन्हीं सब दावों की हकीकत को जानने ईटीवी भारत की टीम मीरपुर हिंदू गांव पहुंचे और वहां के वास्तविकता को जाना.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने लिया गोद
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Published : Mar 14, 2019, 1:27 PM IST

गाजियाबाद: गोद लेते समय सांसद जनरल वीके सिंह ने दावा किया था कि यह गांव जिले के अन्य गांव के लिए आदर्श स्थापित करेगा. इन्हीं सब दावों की हकीकत को जानने ईटीवी भारत की टीम मीरपुर हिंदू गांव पहुंचे और वहां के वास्तविकता को जाना.

गांव की भौगोलिक स्थिति
अगर बात गांव की भौगोलिक स्थिति की करें तो यह गांव लोनी ब्लॉक से लगभग 6 किलोमीटर आगे ट्रोनिका औद्योगिक क्षेत्र के बगल में बसा हुआ है. गांव के एक तरफ थोड़ी दूर पर यमुना बहती है जिसके कारण यहां की जमीन में नमी की मात्रा सालों भर बनी रहती है. गांव के लोगों का मुख्य पेशा खेती है और मुख्य फसल गेहूं. फसलों की सिंचाई का मुख्य साधन यमुना और ट्यूबवेल है.

बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास
ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव में प्रवेश किया तो प्रवेश करते ही सबसे पहले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल दिखे. स्कूल में पता करने पर पता चला कि स्कूल में लगभग 400 बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. स्कूल के प्रधानाचार्य उमेश ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक बैंक के सहयोग से दो स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं. जहां ऑडियो विजुअल के माध्यम से बच्चे विषयों को सीख रहे हैं. इतना ही नहीं स्कूल के बगल में ही बच्चों के लिए खेल का मैदान भी बनाया गया है. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल में एक निजी संस्था के सहयोग से आरओ भी लगाया गया है.

गाजियाबाद: गोद लेते समय सांसद जनरल वीके सिंह ने दावा किया था कि यह गांव जिले के अन्य गांव के लिए आदर्श स्थापित करेगा. इन्हीं सब दावों की हकीकत को जानने ईटीवी भारत की टीम मीरपुर हिंदू गांव पहुंचे और वहां के वास्तविकता को जाना.

गांव की भौगोलिक स्थिति
अगर बात गांव की भौगोलिक स्थिति की करें तो यह गांव लोनी ब्लॉक से लगभग 6 किलोमीटर आगे ट्रोनिका औद्योगिक क्षेत्र के बगल में बसा हुआ है. गांव के एक तरफ थोड़ी दूर पर यमुना बहती है जिसके कारण यहां की जमीन में नमी की मात्रा सालों भर बनी रहती है. गांव के लोगों का मुख्य पेशा खेती है और मुख्य फसल गेहूं. फसलों की सिंचाई का मुख्य साधन यमुना और ट्यूबवेल है.

बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास
ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव में प्रवेश किया तो प्रवेश करते ही सबसे पहले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल दिखे. स्कूल में पता करने पर पता चला कि स्कूल में लगभग 400 बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. स्कूल के प्रधानाचार्य उमेश ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक बैंक के सहयोग से दो स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं. जहां ऑडियो विजुअल के माध्यम से बच्चे विषयों को सीख रहे हैं. इतना ही नहीं स्कूल के बगल में ही बच्चों के लिए खेल का मैदान भी बनाया गया है. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल में एक निजी संस्था के सहयोग से आरओ भी लगाया गया है.

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Union minister VK Singh adopts village


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