नई दिल्ली/गुरुग्राम: सेक्टर-40 क्राइम ब्रांच पुलिस ने में क्रेटा कार दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन दोनों आरोपियों के कब्जे से एक कार, 10 फर्जी आधार कार्ड और 11 मोबाइल फोन और एसबीआई के बैंक चेक बरामद किए गए हैं.
दरअसल संदीप सैनी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसको क्रेटा कार लेनी थी और उस क्रेटा कार लेने के लिए वो एक मोटर शोरूम गए. जहां जाने के बाद उन्होंने क्रेटा गाड़ी संबंधित जानकारी जुटाई और वहां से वापस अपने घर आ गए.
कुछ दिनों बाद उनको फोन आया. जिसमें संदीप को डेढ़ लाख रुपए का लोन देने की बात कही गई. संदीप भी इस फोन के आने के बाद ये सोच बैठा कि वो मोटर शोरूम में गया था और उसके बाद बैंक से फोन आ गया. शायद उसे लोन मिलने वाला है और वो आनन-फानन में इन अपराधियों को मिलने का न्योता दे बैठा. जिसके बाद ये लोग संदीप से मिले. और लोन संबंधित फॉर्मेलिटी पूरी की.
ऐसे की जाती थी ठगी
आरोपियों ने संदीप से दो चेक लिए. एक कैंसिल चेक और एक के ऊपर जादुई पेन से रकम भरवाई जाती है और हस्ताक्षर कराए जाते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि जिस जादुई पेन से चेक पर दस्तखत कराए गए. उस पेन की स्याही कुछ इस तरह है कि वो कुछ ही घंटों के बाद मिट जाती है और फिर अपनी मर्जी अनुसार उस चेक के ऊपर रकम भर ये लोग बैंक पहुंच जाते हैं और बैंक अधिकारियों द्वारा जब रकम को निकालने के लिए दस्तावेज मांगे जाते थे तो अपने द्वारा बनाए गए फर्जी आधार कार्ड की मदद से बैंक को चकमा दे रकम ले वहां से फरार हो जाते थे.
दोनों आरोपी अपने साथियों के साथ किसी भी ग्राहक को ठगी करने से पहले गुरुग्राम के या फिर गुरुग्राम से लगते अन्य इलाकों में बने मोटर शोरूम पर जाकर चुपके से कस्टमर एंट्री रजिस्टर से डाटा चुरा लिया करते थे. जिसके आधार पर कस्टमर को बैंक अधिकारी बन फोन करते थे. जिससे कस्टमर को लगता था कि मैं कुछ दिन पहले ही तो शोरूम में गया था और अब लोन भी मुझे मिल रहा है. यही सोच कर लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं.
हालांकि गुरुग्राम पुलिस ने इन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल इस पूरी वारदात में मोटर शोरूम की कार्य प्रणाली पर उठता नजर आ रहा है क्योंकि जिस तरीके से ये लोग कस्टमर के रजिस्टर से जानकारी उठाकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे मोटर शोरूम को भी कड़े कदम उठाने चाहिए और ग्राहक की उस जानकारी को गोपनीय रखना चाहिए ताकि कोई भी आम व्यक्ति किसी कस्टमर की जानकारी चुराकर उसको ठगी का शिकार ना बना सके.