नई दिल्ली/नूंह: रविवार सुबह गुरुग्राम जिले के मेदांता अस्पताल में नूंह शहर के घनश्याम दास ने अंतिम सांस ली. इनके साथ ही जिले में अब तक तीन लोगों जान कोरोना से गई. मरने वाले मरीजों में एक अधेड़ उम्र की महिला और पुरुष शामिल हैं. इससे पहले तावडू शहर के किशनलाल और नूंह शहर की रेशमी की जान जा चुकी है.
कोरोना वायरस को तीन महीने से भी ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन नूंह जिले में ये मौतों को सिलसिला करीब एक सप्ताह से शुरू हुआ है. इससे पहले किसी की जान कोरोना की वजह से नहीं गई, लेकिन इस एक सप्ताह में तीन लोगों की जान कोरोना से गई. जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, नूंह जिले में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज थे, स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से एक वक्त ऐसा भी आया था जब जिले के सभी मरीज ठीक हो गए थे.
जानकारी के अनुसार घनश्याम नूंह में दुकान चलाता था. जो 20 जून को कोरोना संक्रमित पाया गया. जिसके बाद उसे इलाज के लिए राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में भर्ती किया गया था. करीब 10-12 दिन बाद परिवार के आग्रह पर उसे रेफर कर दिया गया. परिवार को लोग बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले गए, लेकिन उपचार के दौरान घनश्याम ने रविवार को अंतिम सांस ली.
बता दें कि नूंह जिले में पिछले कुछ दिनों में ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. रविवार तक नूंह जिले में 306 कोरोना संक्रमित मरीज मिले, जिनमें से 230 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. वहीं 74 मरीजों का इलाज चल रहा है.