नई दिल्ली/गुरुग्रामः हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के निर्देश पर गुरुग्राम के भोंडसी जेल में बंद कैदियों का सर्वे करवाया गया. जिसमें कैदियों से अलग-अलग अदालतों में चल रहे केसों की सुनवाई और उनके परिवार के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई और उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की गई.
भोंडसी जेल में 534 सजायाफ्ता और 381 विचाराधीन कैदियों को मिलाकर कुल 915 कैदी हैं. इनमें से 729 कैदियों तक जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) की टीम पहुंची और उनसे बातचीत की.
36 कैदी दूसरे जिलों के हैं
इस दौरान पता चला कि 91 सजायाफ्ता और 25 विचाराधीन कैदियों को खुद और उनके परिजनों के लिए न्यायिक मदद की जरूरत है. इनमें से 25 कैदियों के परिवार ऐसे हैं, जो गुरुग्राम जिले के ही हैं. उनकी समस्याएं स्थानीय स्तर पर हल करने की कोशिश की गई. 36 कैदियों के परिवार हरियाणा राज्य के दूसरे जिलों में रहते हैं, उनके मामले में उन जिलों के डीएलएसए से संपर्क करके मदद करवाई गई.
56 कैदी हरियाणा के बाहर के हैं
56 कैदी हरियाणा से बाहर के पाए गए. जिनमें से कैदियों के परिजन तो आज तक मिलने भी नहीं आए, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होगा कि वे किस जेल में बंद हैं. वहीं कैदियों को कई बार अपने केस के स्टेटस के बारे में पता नहीं होता, इसलिए हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण की अनुमति से अंडर ट्रायल इन्फॉर्मेशन कार्ड लॉन्च किया गया है.
अंडर ट्रायल इन्फॉर्मेशन कार्ड में कैदी के केस से संबंधित पूरी जानकारी होगी जैसे कि उसका नाम, जेल में उसका यूआईडी नंबर, कोर्ट का नाम, सीएनआर नंबर, उसके वकील का नाम, एफआईआर नंबर, जेल में आने की तारीख, उस पर क्या चार्जेज लगे हैं आदि.
कैदी जब तारीख पर कोर्ट में आएगा तो इस कार्ड में वह तारीख लिखते हुए प्रोसिडिंग (एक पंक्ति में) और अगली तारीख जज के रीडर या पैनल एडवोकेट द्वारा भरी जाएगी. यह कार्ड कैदी के पास रहेगा ताकि उसे कोर्ट में तारीख आदि की पूरी जानकारी रहे.