नई दिल्ली/नूंह: कृषि विभाग के अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम वर्ष 2016 में शुरू की गई थी. इसमें कृषि विभाग को पहले चरण में 2016, 17, 18 के लिए 20,586 कार्ड बनाने का टारगेट मिला था. इस चरण में 61,758 किसानों के स्वास्थ्य कार्ड बनें और उन्हें वितरित भी कर दिया गया.
ठीक इसी तरह दूसरे चरण में 2018-19 में 22,832 सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने का टारगेट मिला जिसमें से 70,797 किसानों के हेल्थ कार्ड बनाकर उन्हें वितरित किए गए. तीसरे चरण में 2019-20 में कोई टारगेट विभाग को प्राप्त नहीं हुआ लेकिन 4,252 लोगों ने आवेदन किया जिसमें से 603 हेल्थ कार्ड बनाए गए जिनमें से 229 सॉयल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया.
अजय तोमर ने बताया कि मिट्टी तथा पानी की गुणवत्ता बनी रहे तथा रासायनिक खाद्द व दवाइयों के प्रभाव से जमीन को बचाया जा सके. इसके लिए सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं. जिन किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड बनवाने हैं वह कभी भी मिट्टी के नमूने लेकर विभाग को दे सकते हैं. नूंह में मिट्टी, पानी की जांच के लिए लैब नहीं है लेकिन दूसरे जिलों से मिट्टी व पानी के नमूने की जांच कराई जाती है और किसानों को उसकी रिपोर्ट मुहैया कराई जाती है.