नई दिल्ली/नूंह: जिले के किसान परेशान हैं, क्योंकि जिस फसल को अब तक पक जाना चाहिए था. वो अभी पहले पानी का ही इंतजार कर रही है. किसान नहरों के सूख जाने का दुखड़ा अधिकारियों से लेकर सफेदपोश नेताओं को सुना चुके हैं, लेकिन नहरों में पानी की एक बूंद तक नहीं आई है.
किसान को जैसे ही नूंह अनाज मंडी में विधायक संजय सिंह के आने की खबर मिली तो दर्जन भर से ज्यादा गांव के किसान विधायक के पास अपना दुखड़ा रोने के लिए पहुंच गए. किसानों ने संजय सिंह से कहा कि गुड़गांव कैनाल सहित जिले के अधिकतर रजवाहे सूखे हुए हैं. पानी की एक बूंद भी इन रजवाहों में नहीं है. गेहूं की फसल पकने की कगार पर है. अगर ऐसे में उसकी समय पर सिंचाई नहीं की गई तो उन्हें भारी नुकसान होगा.
विधायक ने दिया किसानों को आश्वासन
वहीं किसानों की समस्या सुनने के बाद विधायक संजय सिंह ने सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता को जिले की नहरों में पानी छोड़ने के आदेश दिए. विधायक संजय सिंह ने बताया कि किसानों की समस्या को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई है. अगले एक-दो दिनों में नूंह की नहरों में पानी देखने को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पानी बंटवारे की वजह से ये समस्या हुई है, लेकिन जल्द ही इस समस्या का भी समाधान निकाल लिया जाएगा. भले ही विधायक ने किसानों को नहरों में पानी छोड़ने के लिए भरोसा दे दिया हो, लेकिन किसान अभी भी चिंता में डूबा हुआ है कि उन्हें समय पर पानी मिलेगा या नहीं मिलेगा.
किसानों को नहीं आश्वासन पर भरोसा !
किसानों ने कहा कि अगर अगले सप्ताह भर में गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं की गई तो उत्पादन में बेहद कमी देखने को मिलने से इंकार नही किया जा सकता. सिंचाई विभाग के अधिकारियों से इस समस्या को लेकर किसान लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों के पास किसानों की समस्या का कोई निदान नजर नहीं आ रहा, जबकि दूसरे राज्यों के लिए नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है.
नूंह के करीब 40 गांव में पानी की कमी
जानकारी के मुताबिक नूंह खंड के तकरीबन 30 से 40 गांव ऐसे हैं, जिनकी सिंचाई गुडगांव कैनाल में पानी आने से हो सकती है. इसके अलावा नूंह जिले के पुन्हाना सहित कई खंडों में नहरी पानी की भारी कमी इन दिनों देखने को मिल रही है.