नई दिल्ली/नूंह: कोरोना के चलते हरियाणा सरकार की पहली से आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद करने के फरमान से प्राइवेट स्कूल संचालक बेहद नाराज हैं. नाराज निजी स्कूल संचालकों ने सोमवार को बैठक कर उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ज्ञापन भेजकर स्कूल बंद न करने की गुहार लगाई है.
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निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि नूंह राज्य का पिछड़ा इलाका है. यहां ऑनलाइन कक्षा लगवाना संभव नहीं है ,क्योंकि लोगों की आर्थिक हालत अच्छे नहीं है. साथ ही इंटरनेट की सुविधा भी ठीक नहीं है. इसके अलावा जिले में कोरोना केस बहुत ही कम है. उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों की पालना करते हुए प्राइवेट स्कूल कक्षाएं लगाने के लिए तैयार हैं.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान देशराज ने कहा कि जिले के अधिकतर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के इच्छुक हैं. इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूलों में सक्षम अध्यापकों का अभाव है. खास बात तो ये है कि पहले से बेरोजगार अध्यापक व अन्य स्टाफ की आजीविका का संकट स्कूल बंद होने से और अधिक गहरा सकता है.
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निजी स्कूल संचालकों ने सरकार को भरोसा दिलाया है कि उनके पास कोविड-19 पालन करने के पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. खास बात तो ये कि अगर ऑनलाइन कक्षाएं लगाने का आदेश सरकार देती है. तो बच्चों पर शारीरिक एवं मानसिक दुष्प्रभाव बढ़ेगा.
कुल मिलाकर कोरोना केस प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार लॉकडाउन लगाने की पूरी तैयारी में है. हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए हैं. जिससे निजी स्कूल चलाने वाले लोग तिलमिला उठे हैं.