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हरियाणा: नूंह में चौथे दिन भी जारी रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल - nalhad medical college strike

नल्हड़ मेडिकल कॉलेज (नूंह) के जूनियर डॉक्टर बीते कई दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताली डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें 7वें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन दिया जाए.

nalhad medical college junior doctors strike
चौथे दिन भी जारी रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : Dec 31, 2019, 12:25 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बेहद परेशान हैं. परेशानी की वजह है एक समान वेतन जो पिछले दो सालों से नहीं मिला है. गुस्साए डॉक्टर अब इसी मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया है.

चौथे दिन भी जारी रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद भी हड़ताल समाप्त होने की बजाय जारी है. सोमवार को हड़ताल से मरीजों-तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. हड़ताल को सोमवार को चौथा दिन हो चुका है.

भाजपा-कांग्रेस के कई नेता हड़ताली डॉक्टरों से मिल चुके हैं, तो निदेशक डॉक्टर यामिनी से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है, लेकिन हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. अब अगर जरूरत पड़ी तो जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर सकते हैं. डॉक्टरों की चार दिन से चल रही हड़ताल का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों को उठाना पड़ रहा है.

जानकारी के मुताबिक नल्हड़ कॉलेज में पिछले दो साल से जूनियर डॉक्टर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं मिल रहा है. जिसके लिए उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कई अन्य अधिकारियों से बात की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.

अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में हड़ताल समाप्त करा पाता है या जिले के इस सबसे बड़े संस्थान में वर्ष 2020 की शुरुआत हड़ताल के साथ होगी. खास बात तो ये है कि पारा 7 डिग्री सेल्शियस तक लुढ़क चुका है. जानलेवा सर्दी का सितम जारी है और डॉक्टरों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है.

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बेहद परेशान हैं. परेशानी की वजह है एक समान वेतन जो पिछले दो सालों से नहीं मिला है. गुस्साए डॉक्टर अब इसी मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया है.

चौथे दिन भी जारी रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद भी हड़ताल समाप्त होने की बजाय जारी है. सोमवार को हड़ताल से मरीजों-तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. हड़ताल को सोमवार को चौथा दिन हो चुका है.

भाजपा-कांग्रेस के कई नेता हड़ताली डॉक्टरों से मिल चुके हैं, तो निदेशक डॉक्टर यामिनी से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है, लेकिन हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. अब अगर जरूरत पड़ी तो जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर सकते हैं. डॉक्टरों की चार दिन से चल रही हड़ताल का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों को उठाना पड़ रहा है.

जानकारी के मुताबिक नल्हड़ कॉलेज में पिछले दो साल से जूनियर डॉक्टर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं मिल रहा है. जिसके लिए उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कई अन्य अधिकारियों से बात की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.

अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में हड़ताल समाप्त करा पाता है या जिले के इस सबसे बड़े संस्थान में वर्ष 2020 की शुरुआत हड़ताल के साथ होगी. खास बात तो ये है कि पारा 7 डिग्री सेल्शियस तक लुढ़क चुका है. जानलेवा सर्दी का सितम जारी है और डॉक्टरों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;- जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर , स्वास्थ्य सेवाओं पर असर  
राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बेहद परेशान हैं। परेशानी की वजह है समान वेतन पिछले दो सालों से नहीं मिलना। गुस्साए डॉक्टर अब इसी मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए और कामकाज पूरी तरह ठप रखा । मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद भी हड़ताल समाप्त होने की बजाय जारी रही। सोमवार को हड़ताल से मरीजों - तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल को सोमवार को चौथा दिन हो चुका है। भाजपा - कांग्रेस के कई नेता हड़ताली डॉक्टरों से मिल चुके हैं , तो निदेशक डॉक्टर यामिनी से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है , लेकिन हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार चार बजे के कारोब हड़ताली डॉक्टर एक बार फिर निदेशक डॉक्टर यामिनी से मिल सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर सकते हैं। डॉक्टरों की चार दिन से चल रही हड़ताल का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों - तीमारदारों को उठाना पड़ रहा है। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में हड़ताल समाप्त करा पाता है या जिले के इस सबसे बड़े संस्थान में वर्ष 2020 की शुरुआत हड़ताल के साथ होगी। खास बात तो यह है कि पारा 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क चुका है। जानलेवा सर्दी का सितम जारी है और डॉक्टरों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।  हड़ताली डॉक्टरों से अब तक विधायक आफ़ताब अहमद नूह कांग्रेस , विधायक संजय सिंह सोहना भाजपा , पुन्हाना से भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी मुलाकात कर चुके हैं , लेकिन बात नहीं बन पाई। 
जानकारी के मुताबिक नल्हड कालेज में पिछले दो साल से जूनियर डॉक्टर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं मिल रहा है। जिसके लिए उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कई अन्य अधिकारियों से बात की , लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें 45 हजार बेसिक वेतन के अलावा 15 हजार रुपये मेवात भत्ता मिलता है। कुल मिलाकर करीब 60 हजार रुपये मासिक वेतन जूनियर डॉक्टर को मिल पा रहा है। नल्हड मेडिकल कालेज में कार्यरत जूनियर डॉक्टर कहते हैं कि सूबे के खानपुर , कल्पना चावला इत्यादि मेडिकल कालेज में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद पिछले करीब दो वर्षों से 90 हजार रुपये के करीब वेतन मिलता है। नल्हड जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बिहार , झारखंड , मध्यप्रदेश सहित देश के दूरदराज राज्यों से डॉक्टर यहां नौकरी करने आते हैं , लेकिन वेतन कम होने के कारण पिछले 6 माह में करीब 60 से अधिक डॉक्टर यहां से छोड़कर जा चुके हैं। अब महज 36 जूनियर डॉक्टर के भरोसे नल्हड मेडिकल कालेज चल रहा है , जबकि 95 जूनियर डॉक्टर के पद यहां स्वीकृत हैं। वेतन विसंगतियों के चलते ही डॉक्टर इस संस्थान को अलविदा कह रहे हैं। ये हाल गब्बर के नाम से मशहूर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के महकमे के हैं। जूनियर डॉक्टरों को अब महज स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से ही उम्मीद बची है। जूनियर डॉक्टर अगर तय कार्यक्रम के मुताबिक आज से हड़ताल पर चले जाते हैं , तो स्वास्थ्य सेवाओं का इस पर बुरा असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी अब अपनी जिद पर अड़े हुए हैं , उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से मुलाकात में दो टूक कह दिया कि अब बिना लिखित आश्वासन वे काम नहीं करेंगे। नल्हड मेडिकल कालेज में डॉक्टर की कमी पहले ही बहुत अधिक है , अगर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की चेतावनी को मेडिकल एजुकेशन विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया तो पहले से ही लचर चल रही स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। 
बाइट ;- डॉ संदीप हड़ताली जूनियर रेजिडेंट 
बाइट ;- डॉ  सागर हड़ताली जूनियर रेजिडेंट बाइट ;- डॉ  विनीत हड़ताली डॉक्टर 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवातBody:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;- जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर , स्वास्थ्य सेवाओं पर असर  
राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बेहद परेशान हैं। परेशानी की वजह है समान वेतन पिछले दो सालों से नहीं मिलना। गुस्साए डॉक्टर अब इसी मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए और कामकाज पूरी तरह ठप रखा । मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद भी हड़ताल समाप्त होने की बजाय जारी रही। सोमवार को हड़ताल से मरीजों - तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल को सोमवार को चौथा दिन हो चुका है। भाजपा - कांग्रेस के कई नेता हड़ताली डॉक्टरों से मिल चुके हैं , तो निदेशक डॉक्टर यामिनी से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है , लेकिन हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार चार बजे के कारोब हड़ताली डॉक्टर एक बार फिर निदेशक डॉक्टर यामिनी से मिल सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर सकते हैं। डॉक्टरों की चार दिन से चल रही हड़ताल का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों - तीमारदारों को उठाना पड़ रहा है। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में हड़ताल समाप्त करा पाता है या जिले के इस सबसे बड़े संस्थान में वर्ष 2020 की शुरुआत हड़ताल के साथ होगी। खास बात तो यह है कि पारा 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क चुका है। जानलेवा सर्दी का सितम जारी है और डॉक्टरों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।  हड़ताली डॉक्टरों से अब तक विधायक आफ़ताब अहमद नूह कांग्रेस , विधायक संजय सिंह सोहना भाजपा , पुन्हाना से भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी मुलाकात कर चुके हैं , लेकिन बात नहीं बन पाई। 
जानकारी के मुताबिक नल्हड कालेज में पिछले दो साल से जूनियर डॉक्टर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं मिल रहा है। जिसके लिए उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कई अन्य अधिकारियों से बात की , लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें 45 हजार बेसिक वेतन के अलावा 15 हजार रुपये मेवात भत्ता मिलता है। कुल मिलाकर करीब 60 हजार रुपये मासिक वेतन जूनियर डॉक्टर को मिल पा रहा है। नल्हड मेडिकल कालेज में कार्यरत जूनियर डॉक्टर कहते हैं कि सूबे के खानपुर , कल्पना चावला इत्यादि मेडिकल कालेज में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद पिछले करीब दो वर्षों से 90 हजार रुपये के करीब वेतन मिलता है। नल्हड जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बिहार , झारखंड , मध्यप्रदेश सहित देश के दूरदराज राज्यों से डॉक्टर यहां नौकरी करने आते हैं , लेकिन वेतन कम होने के कारण पिछले 6 माह में करीब 60 से अधिक डॉक्टर यहां से छोड़कर जा चुके हैं। अब महज 36 जूनियर डॉक्टर के भरोसे नल्हड मेडिकल कालेज चल रहा है , जबकि 95 जूनियर डॉक्टर के पद यहां स्वीकृत हैं। वेतन विसंगतियों के चलते ही डॉक्टर इस संस्थान को अलविदा कह रहे हैं। ये हाल गब्बर के नाम से मशहूर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के महकमे के हैं। जूनियर डॉक्टरों को अब महज स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से ही उम्मीद बची है। जूनियर डॉक्टर अगर तय कार्यक्रम के मुताबिक आज से हड़ताल पर चले जाते हैं , तो स्वास्थ्य सेवाओं का इस पर बुरा असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी अब अपनी जिद पर अड़े हुए हैं , उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से मुलाकात में दो टूक कह दिया कि अब बिना लिखित आश्वासन वे काम नहीं करेंगे। नल्हड मेडिकल कालेज में डॉक्टर की कमी पहले ही बहुत अधिक है , अगर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की चेतावनी को मेडिकल एजुकेशन विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया तो पहले से ही लचर चल रही स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। 
बाइट ;- डॉ संदीप हड़ताली जूनियर रेजिडेंट 
बाइट ;- डॉ  सागर हड़ताली जूनियर रेजिडेंट बाइट ;- डॉ  विनीत हड़ताली डॉक्टर 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवातConclusion:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;-
राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बेहद परेशान हैं। परेशानी की वजह है समान वेतन पिछले दो सालों से नहीं मिलना। गुस्साए डॉक्टर अब इसी मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए और कामकाज पूरी तरह ठप रखा । मेडिकल कालेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कोशिशों के बावजूद भी हड़ताल समाप्त होने की बजाय जारी रही। सोमवार को हड़ताल से मरीजों - तीमारदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल को सोमवार को चौथा दिन हो चुका है। भाजपा - कांग्रेस के कई नेता हड़ताली डॉक्टरों से मिल चुके हैं , तो निदेशक डॉक्टर यामिनी से भी कई बार मुलाकात हो चुकी है , लेकिन हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार चार बजे के कारोब हड़ताली डॉक्टर एक बार फिर निदेशक डॉक्टर यामिनी से मिल सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर सकते हैं। डॉक्टरों की चार दिन से चल रही हड़ताल का खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों - तीमारदारों को उठाना पड़ रहा है। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2019 के अंतिम दिनों में हड़ताल समाप्त करा पाता है या जिले के इस सबसे बड़े संस्थान में वर्ष 2020 की शुरुआत हड़ताल के साथ होगी। खास बात तो यह है कि पारा 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क चुका है। जानलेवा सर्दी का सितम जारी है और डॉक्टरों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।  हड़ताली डॉक्टरों से अब तक विधायक आफ़ताब अहमद नूह कांग्रेस , विधायक संजय सिंह सोहना भाजपा , पुन्हाना से भाजपा उम्मीदवार रही नौक्षम चौधरी मुलाकात कर चुके हैं , लेकिन बात नहीं बन पाई। 
जानकारी के मुताबिक नल्हड कालेज में पिछले दो साल से जूनियर डॉक्टर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं मिल रहा है। जिसके लिए उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कई अन्य अधिकारियों से बात की , लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें 45 हजार बेसिक वेतन के अलावा 15 हजार रुपये मेवात भत्ता मिलता है। कुल मिलाकर करीब 60 हजार रुपये मासिक वेतन जूनियर डॉक्टर को मिल पा रहा है। नल्हड मेडिकल कालेज में कार्यरत जूनियर डॉक्टर कहते हैं कि सूबे के खानपुर , कल्पना चावला इत्यादि मेडिकल कालेज में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद पिछले करीब दो वर्षों से 90 हजार रुपये के करीब वेतन मिलता है। नल्हड जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बिहार , झारखंड , मध्यप्रदेश सहित देश के दूरदराज राज्यों से डॉक्टर यहां नौकरी करने आते हैं , लेकिन वेतन कम होने के कारण पिछले 6 माह में करीब 60 से अधिक डॉक्टर यहां से छोड़कर जा चुके हैं। अब महज 36 जूनियर डॉक्टर के भरोसे नल्हड मेडिकल कालेज चल रहा है , जबकि 95 जूनियर डॉक्टर के पद यहां स्वीकृत हैं। वेतन विसंगतियों के चलते ही डॉक्टर इस संस्थान को अलविदा कह रहे हैं। ये हाल गब्बर के नाम से मशहूर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के महकमे के हैं। जूनियर डॉक्टरों को अब महज स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से ही उम्मीद बची है। जूनियर डॉक्टर अगर तय कार्यक्रम के मुताबिक आज से हड़ताल पर चले जाते हैं , तो स्वास्थ्य सेवाओं का इस पर बुरा असर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी अब अपनी जिद पर अड़े हुए हैं , उन्होंने निदेशक डॉक्टर यामिनी से मुलाकात में दो टूक कह दिया कि अब बिना लिखित आश्वासन वे काम नहीं करेंगे। नल्हड मेडिकल कालेज में डॉक्टर की कमी पहले ही बहुत अधिक है , अगर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की चेतावनी को मेडिकल एजुकेशन विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया तो पहले से ही लचर चल रही स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। 
बाइट ;- डॉ संदीप हड़ताली जूनियर रेजिडेंट 
बाइट ;- डॉ  सागर हड़ताली जूनियर रेजिडेंट बाइट ;- डॉ  विनीत हड़ताली डॉक्टर 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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