नई दिल्ली/गुरुग्राम: सोमवार से लागू हुए लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान गुरुग्राम में गली मोहल्लों में बनी दुकानें, अकेली दुकान और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर में बनी मार्केट खोली जा सकती है.
सैलून और ब्यूटी पार्लर आदि भी खोले जा सकते हैं लेकिन शॉपिंग मॉल, गैलरिया मार्केट, सदर बाजार जैसी बड़ी मार्केट अभी बंद रखी जाएंगी. जो दुकानें खुलेगी उनके लिए भी सुबह 7 से लेकर शाम के 7 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. इस संबंध में गुरुग्राम उपायुक्त ने आदेश जारी किया है.
गुरुग्राम उपायुक्त अमित खत्री ने आदेश में कहा कि लॉकडाउन-3 में जो दुकानें खुल सकती हैं उन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन, कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय, जैसे ग्राहकों को आपस में दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना, फेस मास्क का प्रयोग, दुकान को सैनिटाइज करवाना आवश्यक है.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा लॉकडाउन में उद्योगों और अन्य प्रतिष्ठानों के संचालन को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर गुरुग्राम जिले के लिए आदेश जारी किए गए हैं. तीसरे चरण में लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए लगाया है जो कि 4 मई से 17 मई तक रहेगा.
उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए मानदंड अनुसार गुरुग्राम जिला ऑरेंज जॉन में स्थित है इसलिए आईएमटी मानेसर, इंडस्ट्रियल एरिया, आईडीसी तथा एसईजेड और औद्योगिक क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्रों, ई-कॉमर्स, नगर निगम क्षेत्र में स्थित सभी उद्योग इकाइयों के मामले में पहले सप्ताह यानी 4 से 10 मई तक आईटी और आईटीआई तथा ई-कॉमर्स कंपनियों का संचालन 50% स्टाफ के साथ किया जा सकता है.
इस अवधि में सामान्य इकाइयां 75% स्टाफ के साथ संचालन शुरू कर सकती हैं. वहीं दूसरे सप्ताह में यानी कि 11 से 17 मई की अवधि में आईटी और आईटीईएस कंपनियों तथा ई-कॉमर्स 75% और सामान्य इकाइयां 100% स्टाफ के साथ काम कर सकती हैं. उपायुक्त ने कहा कि शुरू में कर्मचारियों के लिए पास सप्ताहिक आधार पर जारी किए जाएंगे, जैसे 4 से 10 मई तक और 11 से 17 मई तक की निर्धारित अवधि के लिए अलग-अलग पास जारी होंगे.
जिला कार्य प्रोफाइल बदलने यानी ऑरेंज से रेड जॉन या ग्रीन होने पर उसी श्रेणी के हिसाब से गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस लागू होंगी और पहले जारी की गई छूट या रियायतें अपने आप वापस हो जाएंगी. इसके अलावा यदि श्रमिक अथवा कामगार फैक्ट्री परिसर में ही रहते हैं तो उन्हें कोई भी पास जारी करने की जरूरत नहीं है.