नई दिल्ली/ गुरुग्राम: देश प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी पैर पसार रही है. मरीजों की संख्या में भी पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी से इजाफा हुआ है. अस्तपाल में मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से ऑक्सीजन की भारी किल्तल देखने को मिल रही है. साइबर सिटी गुरुग्राम में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने सराहनीय पहल की है.
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एसोसिएशन ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए आईएमटी उद्योगों से ऑक्सीजन गैस सिलेंडर उठाकर जिला प्रशासन को दिए हैं. आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने दस हज़ार लीटर ऑक्सीजन गैस देने में मदद की है. ये ऑक्सीजन गैस गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर यश गर्ग को प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल मे वितरित करने के लिए दी गई है, ताकि कोरोना के मरीजों की जान बच सके.
आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव ने कहा कि आज पूरा हरियाणा प्रदेश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है. अगर पूर्व में कभी भी किसी सरकार ने या किसी बड़े अधिकारी ने किसी भी महामारी के समय में ऑक्सीजन की कमी के बारे में सोचा होता तो शायद आज ये नौबत नहीं आती. उन्होंने कहा कि जहां सरकारी कंपनियां ट्रैक्टर, घड़ियां, खाद बना सकती है, तो एक सरकारी कंपनी को मेडिकल ऑक्सीजन बनाने के लिए भी प्लांट लगाना चाहिए था, ताकि इस कोरोना महामारी में वो ऑक्सीजन प्लांट हरियाणा की जनता के लिए मददगार साबित होता.
पानीपत में ऑक्सीजन बनाने का एकमात्र प्लांट
पूरे हरियाणा में पानीपत में ऑक्सीजन बनाने का विदेशी कंपनी का एक ही प्लांट है. जो प्रतिदिन 240 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. जिसमें से 150 टन वो कंपनी दिल्ली सरकार को देती है और हरियाणा की जरूरत पूरी नहीं हो पाती. हरियाणा के लगते हुए भिवाड़ी में अन्य विदेशी कंपनी का ऑक्सीजन बनाने का प्लांट है, जो लगभग 100 टन प्रतिदिन उत्पादन करता है. उसका पूरा कंट्रोल राजस्थान सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है और वह प्लांट सिर्फ राजस्थान सरकार के लिए ही राजस्थान की जनता को सेवा दे रहे हैं.
हरियाणा में जो प्लांट है उससे दिल्ली व अन्य प्रदेशों में ऑक्सीजन दी जा रही है. जिस वजह से हरियाणा में ऑक्सीजन प्लांट होने के बाद भी हरियाणा के अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी है. हरियाणा सरकार को पानीपत में जो विदेशी कंपनी का प्लांट है. उस प्लांट को राजस्थान की तर्ज पर ही अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए. जबकि दिल्ली के चारों तरफ भिवाड़ी, नोएडा, मोदीनगर, देहरादून में भी अलग-अलग कंपनियों के प्लांट हैं. तो दिल्ली को चारों तरफ से गैस लेनी चाहिए ना कि हरियाणा के एक ही प्लांट से. इस वजह से हरियाणा प्रदेश की ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था खराब हो रही है.
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दिल्ली एनसीआर में ऑक्सीजन बनाने के लिए लगभग सभी प्लांट विदेशी कंपनियों के हैं, जिसमें मुख्यत हरियाणा में पानीपत, राजस्थान में भिवाड़ी, उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा, मोदी नगर, उत्तरांचल में देहरादून मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. इन सभी प्लांटों ने अब सरकार के निर्देश के बाद उद्योगों को गैस देना बंद कर दिया और सिर्फ मेडिकल ऑक्सीजन ही सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी ऑक्सीजन की कमी है, लेकिन कहीं ना कहीं वितरण भी सही नहीं है. जिससे हरियाणा में 240 टन प्रतिदिन का उत्पादन होने के बाद भी गैस अन्य प्रदेशों को दिए जाने से हरियाणा में दिक्कत है.