नई दिल्ली/गुरुग्राम: राजस्थान की ओर से आया टिड्डी दल हरियाणा में कहर बरपा रहा है. ये टिड्डी दल महेंद्रगढ़ में फसलों को बर्बाद कर रेवाड़ी में प्रवेश कर चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल से खास बातचीत की और ये जानने की कोशिश की कि इन टिड्डियों की वजह से कम से कम नुकसान हो, इसके लिए सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
इस बातचीत में कृषि मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को ही हमें इसके बारे में अलर्ट मिला जिसके बाद देर शाम को ही सरकार और प्रशासन अलर्ट हो गया था. कृषि मंत्री ने कहा कि देर रात को मैं भी चंडीगढ़ से मौके पर पहुंच गया था. रात को ही प्रशासन ने ऑपरेशन चलाया और हमने एक तिहाई दल को मार गिराया. क्योंकि ये दल काफी बड़ा होता है इसलिए एक रात में नहीं निपटा जा सकता है.
सभी पड़ोसी राज्यों को अलर्ट किया गया है- कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने कहा कि ये दल रात को गुरुग्राम में था, अब ये दल रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ के रास्ते दिल्ली होते हुए उत्तर प्रदेश की तरफ जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैसे तो टिड्डी दल किस ओर जाएगा इसका पता लगा पाना मुश्किल है, लेकिन सभी राज्यों को सूचित किया जा चुका है.
टिड्डियों से निपटने के लिए इंतजाम हैं- कृषि
टिड्डी दलों से निपटने के लिए किए गए इंतजामों को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि हम लगातार किसानों को जागरूक कर रहे हैं. सायरन, ढोल और डीजे बजा कर टिड्डी दलों को भगाया जा रहा है. हमने पेस्टिसाइड की व्यवस्था भी की है. जहां भी ये दल बैठा था वहां छिड़काव भी किया जाएगा ताकि टिड्डियों ने अगर अंडे दिए हों, तो भविष्य की परेशानियों से भी निपटा जा सकेगा.
'देर शाम मिली थी टिड्डी दल के हमले की सूचना'
सबसे पहले शुक्रवार शाम करीब 5 बजे ये टिड्डी दल रेवाड़ी जिले के दर्शन गांव पहुंचा. गांवों में टिड्डियों के आने की सूचना मिलते ही किसान अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों की ओर दौड़ पड़े. किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए देसी नुस्खे अपनाए. इस दौरान उन्होंने अपने खेतों में आग जलाकर धुंआ किया और थाली बजाकर शोर मचाया ताकि टिड्डियां इस ओर ना आएं.
बेहद विशाल है टिड्डी दल का झुंड
ये टिड्डी दल शनिवार सुबह कोसली से झज्जर जिले में प्रवेश कर चुका है. करीब 6 किलोमीटर चौड़ा और 10 किलोमीटर लंबा ये टिड्डी दल जाटूसाना से उड़ा है. टिड्डी दल के पहुंचने की सूचना से किसानों में अफरा-तफरी का माहौल है. टिड्डियों को भगाने के लिए और अपनी फसलों को बचाने के लिए किसान खुद खेतों में उतर आए हैं. किसान थाली और ताली बजाकर टिड्डी दल को भगाने की कोशिश कर रहे हैं. कई अन्य उपकरणों के शोर से भी टिड्डी दल को भगाने की कोशिश की जा रही है.
अभी अधिकारी टिड्डी दल को भगाने के लिए ग्रामीणों की मदद से मॉनिटरिंग शुरू कर चुके हैं. बता दें कि झज्जर के सुबाना, नेयोला और तुम बाहेड़ी गांव में इस वक्त किसान टिड्डी दल को भगाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि 10 किमी. लंबे और 6 किमी. चौड़े क्षेत्र में फैले टिड्डी दल ने 5 घंटे तक नारनौल-रेवाड़ी के 30 से ज्यादा गांवों में 1 हजार एकड़ से अधिक फसल को नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों के मुताबिक टिड्डी दल पाकिस्तान से आया है.
क्यों खतरा है टिड्डी दल?
- भारत में टिड्डियों की चार प्रजातियां पाई जाती हैं.
- डेसर्ट लोकस्ट, माइग्रेटरी लोकस्ट, बॉमबे लोकस्ट, ट्री लोकस्ट टिड्डी झुंड में रहती हैं, वो एक साथ उड़ती हैं.
- टिड्डी दल एक साथ फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं
- टिड्डी एक बहुभक्षी कीट है.
- नीम को छोड़कर सभी वनस्पतियों को अपना भोजन बनाता हैं.
- टिड्डी दल दिन के समय उड़ता है और रात को आराम करने के लिए फसलों पर बैठता है. जहां वो फसलों को अपना शिकार बनाता है.