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हरियाणा के इस गांव के लिए मसीहा थे प्रणब दा, गोद लेने के बाद बदली गांव की तस्वीर - gurugram news

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. वो पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन के बाद पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. दौहला गांव, जिसे प्रणब दा ने गोद लिया था, वहां भी दुख की लहर दौड़ पड़ी है.

former president pranab mukherjee adopted sohna daulha village
पंचतत्व में विलीन हुआ प्रणब मुखर्जी का पार्थिव शरीर
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Published : Sep 1, 2020, 3:22 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: भारत रत्न और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. प्रणब दा के चले जाने से सोहना के दौहला गांव के ग्रामीण भी बेहद दुखी हैं. बता दें कि ये वहीं दौहला गांव है, जिसे 2017 में प्रणब मुखर्जी ने गोद लिया था.

हरियाणा के इस गांव के लिए मसीहा थे प्रणब दा

2017 में लिया था गोद

दौहला गांव के ग्रामीणों के मुताबिक साल 2017 में जब से प्रणब दा ने उनके गांव को गोद लिया, तब से गांव की किस्मत ही बदल गई. गांवों में फाइव एच यानी तकनीक, स्वास्थ्य, खुशी, इंसानियत और भाईचारे को बढ़ाने के मूल मंत्र पर काम किया गया. जिसका नतीजा ये है कि आज ये गांव विकास की नई-नई बुलंदियां छू रहा है.

गौरतलब है कि 2017 में प्रणब मुखर्जी ने 126 गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए चुना था. इनमें हरियाणा के पांच गांव भी शामिल थे. जिनमें सोहना ब्लॉक के गांव दौहला, हरचंदपुर और अलीपुर शामिल हैं. वहीं पटौदी ब्लॉक के गांव ताज नगर और मेवात जिला का रोजका मेव गांव शामिल हैं.

आचार और मिठाइयां बनाने की ट्रेंनिग दी गई

दौहला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए जाने के बाद गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई सेंटर खोले गए. आचार और मिठाइयां बनाने की ट्रेंनिग दी गई. साथ ही सेनेटरी नेपकिन पैड बनाने और आटा मिल से लघु उद्योग लगाने के लिए लोगो को लोन भी मुहैया कराए गए.

इसके अलावा गांव को हाईटेक बनाने के लिए वाईफाई और सीएससी सेंटर भी खोले गए, लेकिन प्रणव मुखर्जी के निधन के बाद अब दौहला गांव के लोगों के बीच उनकी यादें ही रह गई हैं, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: भारत रत्न और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. प्रणब दा के चले जाने से सोहना के दौहला गांव के ग्रामीण भी बेहद दुखी हैं. बता दें कि ये वहीं दौहला गांव है, जिसे 2017 में प्रणब मुखर्जी ने गोद लिया था.

हरियाणा के इस गांव के लिए मसीहा थे प्रणब दा

2017 में लिया था गोद

दौहला गांव के ग्रामीणों के मुताबिक साल 2017 में जब से प्रणब दा ने उनके गांव को गोद लिया, तब से गांव की किस्मत ही बदल गई. गांवों में फाइव एच यानी तकनीक, स्वास्थ्य, खुशी, इंसानियत और भाईचारे को बढ़ाने के मूल मंत्र पर काम किया गया. जिसका नतीजा ये है कि आज ये गांव विकास की नई-नई बुलंदियां छू रहा है.

गौरतलब है कि 2017 में प्रणब मुखर्जी ने 126 गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए चुना था. इनमें हरियाणा के पांच गांव भी शामिल थे. जिनमें सोहना ब्लॉक के गांव दौहला, हरचंदपुर और अलीपुर शामिल हैं. वहीं पटौदी ब्लॉक के गांव ताज नगर और मेवात जिला का रोजका मेव गांव शामिल हैं.

आचार और मिठाइयां बनाने की ट्रेंनिग दी गई

दौहला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए जाने के बाद गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई सेंटर खोले गए. आचार और मिठाइयां बनाने की ट्रेंनिग दी गई. साथ ही सेनेटरी नेपकिन पैड बनाने और आटा मिल से लघु उद्योग लगाने के लिए लोगो को लोन भी मुहैया कराए गए.

इसके अलावा गांव को हाईटेक बनाने के लिए वाईफाई और सीएससी सेंटर भी खोले गए, लेकिन प्रणव मुखर्जी के निधन के बाद अब दौहला गांव के लोगों के बीच उनकी यादें ही रह गई हैं, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है.

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