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CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने पर FIR दर्ज, पुलिस पर लगा गलत कार्रवाई का आरोप - gurugram news

नूंह में रविवार को एनआरसी और सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में दो एफआईआर दर्ज हुई है. जिसमें कई प्रदर्शनकारियों के नाम दर्ज हैं. वहीं ये बात जब आरोपियों को पता चली तो उनका तो कहना है कि वो तो वहां प्रदर्शन में मौजूद ही नहीं थे. पढ़ें पूरी खबर.

fir filed against protester of protest against caa in nuh
CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने पर FIR दर्ज
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Published : Jan 23, 2020, 7:40 AM IST

नई दिल्ली/नूंह: रविवार को नूंह जिले के गांव बिछोर से सिंगार तक सीएए/एनआरसी के खिलाफ निरोध प्रदर्शन करने पर दो थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस विभाग कार्रवाई को लेकर कुछ भी बोलने से साफ-साफ बच रहा है, लेकिन जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनका गुस्सा उबाल पर है. आरोपियों ने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाने तक की चेतावनी दे दी है. सोशल मीडिया पर भी लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई से भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. दूसरी तरफ सीएए /एनआरसी के मामले में सुप्रीम अदालत में होने वाली सुनवाई को अगले चार हफ्तों के लिए टाल दिया गया है.

CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने पर FIR दर्ज

SC में सरकार कुछ पेश नहीं कर सकी: याचिकाकर्ता
नूंह जिले से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने वालों में रसीद अहमद एडवोकेट भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अटार्नी जनरल सरकार की तरफ से सुप्रीम अदालत के सामने कुछ भी पेश नहीं कर पाए और उन्होंने अदालत से समय मांगा. जिस पर अदालत ने सीएए कानून पर चार हफ़्तों का समय सरकार को दिया है.

जो मौजूद नहीं थे उनके नाम भी शामिल नहीं: अधिवक्ता
नूंह जिले के अधिवक्ताओं ने कहा कि नूंह पुलिस ने ऐसे लोगों के नाम भी एफआईआर में दर्ज कर दिए, जो उस समय हाईकोर्ट में थे या मौजूद ही नहीं थे. एफआईआर में नामजद लोगों ने कहा कि संविधान में अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से रखने का हर व्यक्ति को अधिकार हैं, लेकिन सरकार और पुलिस लोगों को डराने की कोशिश कर रही है.

कानून के खिलाफ विरोध जारी रहेगा
उन्होंने दो टूक कहा कि संवैधानिक तरीके से सीएए कानून का विरोध जारी रहेगा. रसीद अहमद एडवोकेट बोले कि उन्हें सुप्रीम अदालत से सीएए कानून पर सुनवाई का आज पूरा भरोसा था, लेकिन अब चार हफ़्तों का इंतजार करना पड़ेगा.

कुल मिलाकर सरकार सीएए को वापस नहीं लेने पर अड़ गई है तो विरोध करने वाले लोग भी न केवल विरोध का तरीका बदल बदल कर इसका विरोध कर रहे हैं बल्कि पीछे हटने का नाम तक नहीं ले रहे हैं. आगामी 29 जनवरी को बुलाये गए भारत बंद का असर भी इस जिले में देखने को मिल सकता है.

नई दिल्ली/नूंह: रविवार को नूंह जिले के गांव बिछोर से सिंगार तक सीएए/एनआरसी के खिलाफ निरोध प्रदर्शन करने पर दो थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस विभाग कार्रवाई को लेकर कुछ भी बोलने से साफ-साफ बच रहा है, लेकिन जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनका गुस्सा उबाल पर है. आरोपियों ने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाने तक की चेतावनी दे दी है. सोशल मीडिया पर भी लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई से भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. दूसरी तरफ सीएए /एनआरसी के मामले में सुप्रीम अदालत में होने वाली सुनवाई को अगले चार हफ्तों के लिए टाल दिया गया है.

CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने पर FIR दर्ज

SC में सरकार कुछ पेश नहीं कर सकी: याचिकाकर्ता
नूंह जिले से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने वालों में रसीद अहमद एडवोकेट भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अटार्नी जनरल सरकार की तरफ से सुप्रीम अदालत के सामने कुछ भी पेश नहीं कर पाए और उन्होंने अदालत से समय मांगा. जिस पर अदालत ने सीएए कानून पर चार हफ़्तों का समय सरकार को दिया है.

जो मौजूद नहीं थे उनके नाम भी शामिल नहीं: अधिवक्ता
नूंह जिले के अधिवक्ताओं ने कहा कि नूंह पुलिस ने ऐसे लोगों के नाम भी एफआईआर में दर्ज कर दिए, जो उस समय हाईकोर्ट में थे या मौजूद ही नहीं थे. एफआईआर में नामजद लोगों ने कहा कि संविधान में अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से रखने का हर व्यक्ति को अधिकार हैं, लेकिन सरकार और पुलिस लोगों को डराने की कोशिश कर रही है.

कानून के खिलाफ विरोध जारी रहेगा
उन्होंने दो टूक कहा कि संवैधानिक तरीके से सीएए कानून का विरोध जारी रहेगा. रसीद अहमद एडवोकेट बोले कि उन्हें सुप्रीम अदालत से सीएए कानून पर सुनवाई का आज पूरा भरोसा था, लेकिन अब चार हफ़्तों का इंतजार करना पड़ेगा.

कुल मिलाकर सरकार सीएए को वापस नहीं लेने पर अड़ गई है तो विरोध करने वाले लोग भी न केवल विरोध का तरीका बदल बदल कर इसका विरोध कर रहे हैं बल्कि पीछे हटने का नाम तक नहीं ले रहे हैं. आगामी 29 जनवरी को बुलाये गए भारत बंद का असर भी इस जिले में देखने को मिल सकता है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सीएए / एनआरसी / एनपीआर के विरोध करने पर दो थानों में अलग - अलग एफआईआर दर्ज , सुप्रीमकोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर चार हफ्ते बाद होगी सुनवाई

रविवार को नूह जिले के पुन्हाना विधानसभा के बड़े गांव बिछोर से जिले के सबसे बड़े गांव सिंगार तक सीएए /एनआरसी कानून के विरोध में शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ बिछोर तथा पुन्हाना थानों में दो अलग - अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस विभाग कार्रवाई को लेकर कुछ भी बोलने से साफ - साफ बच रहा है। लेकिन जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं , उनका गुस्सा उबाल पर है। पुलिस की कार्रवाई को गलत करार देते हुए लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाने तक की चेतावनी दे दी है। सोशल मीडिया पर भी लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई से भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। दूसरी तरफ सीएए /एनआरसी के मामले में सुप्रीम अदालत में होने वाली सुनवाई को अगले चार हफ़्तों के लिए टाल दिया गया है। नूह जिले से सुप्रीमकोर्ट में याचिका डालने वालों में रसीद अहमद एडवोकेट भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अटार्नी जनरल सरकार की तरफ से सुप्रीम अदालत के सामने कुछ भी पेश नहीं कर पाए और उन्होंने अदालत से समय मांगा। जिस पर सुप्रीम अदालत ने सीएए कानून इत्यादि पर चार हफ़्तों का समय सरकार को दिया है। Body:नूह जिले के अधिवक्ताओं ने कहा कि नूह पुलिस ने ऐसे लोगों के नाम भी एफआईआर में दर्ज कर दिए , जो उस समय हाईकोर्ट वगैरह में थे या मौजूद ही नहीं थे। एफआईआर में नामजद लोगों ने कहा कि संविधान में अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से रखने का हर व्यक्ति को अधिकार है , लेकिन सरकार और पुलिस लोगों को डराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि संवैधानिक तरीके से सीएए कानून का विरोध जारी रहेगा। रसीद अहमद एडवोकेट बोले कि उन्हें सुप्रीम अदालत से सीएए कानून पर सुनवाई का आज पूरा भरोसा था , लेकिन अब चार हफ़्तों का इंतजार करना पड़ेगा। जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी है। कुल मिलाकर सरकार सीएए को वापस नहीं लेने पर अड़ गई है तो विरोध करने वाले लोग भी न केवल विरोध का तरीका बदल बदल कर इसका विरोध कर रहे हैं बल्कि पीछे हटने का नाम तक नहीं ले रहे हैं। आगामी 29 जनवरी को बुलाये गए भारत बंद का असर भी इस जिले में देखने को मिल सकता है। पुलिस भले ही मामले में बोलने से कतरा रही हो , लेकिन सूत्रों से पता चला है कि पुलिस ने प्रोटेस्ट करने के आरोप में 174 की कार्रवाई की है। Conclusion:बाइट ;- रसीद अहमद एडवोकेट याचिकाकर्ता
बाइट ;- तौसीफ बिसरू समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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