नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा सरकार भले ही किसानों की सुविधा के लिए विभिन प्रकार की योजनाएं बना रही है. वहीं सरकार किसानों को लाभान्वित कर फसल का एक एक दाना समय से खरीदने का दावा भी कर रही है. लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अन्नदाताओं को खासी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ रहा है.
नहीं मिल रही है जगह
एक तरफ किसानों का गेहूं खेतों से लेकर अनाज मंडी तक खुले आसमान के नीचे भीग रहा है. वहीं किसानों के लिए गेहूं का मंडी से ना उठ पाने के चलते गेहूं को रखने के लिए खाली जगह नहीं मिल पा रही है. इस सब के बावजूद भी आढ़ती किसानों के गेहूं को खुले आसमान के नीचे भीगने से इंकार कर रहे हैं. लेकिन तस्वीरे साफ बयां करती हैं कि किसानों का सोना खुले आसमान के नीचे बेमौसम बारिश में भीग रहा है.
खुले में पड़ी फसल भीगती रही
बीती रात तेज बारिश में खुले में पड़ी फसल भीगती रही. लेकिन आढ़ती फसल के उठाने की दिक्कत बताते रहे साथ ही साथ फसल के भीगने से भी इंकार करते रहे. अब इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं कि ये तस्वीरें झूठ बोल रही है या फिर आढ़ती. किसान रात दिन मेहनत करके अपनी फसल को उगाता है और कुछ पैसे जुटाने के लिए उसे मंडी में बेचने जाता है, लेकिन अगर फसल भीग जाती है तो आढ़ती उसे उसी रेट पर लेने से मना कर देता है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि किसान की बारिश में भीगी फसल को आढ़ती उसी रेट में खरीदेंगा या नहीं.