नई दिल्ली/गुरुग्राम: सोहना में नगर परिषद के कर्मचारी रतन सिंह की कोरोना से मौत हो गई. वहीं मृतक के परिजन सोहना के सिविल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. परिजनों की मानें तो वो घंटों रतन सिंह को लेकर सिविल अस्पताल में बैठे रहे, लेकिन किसी ने उन्हें भर्ती नहीं किया. जिस वजह से उसकी मौत हो गई.
रतन सिंह के बेटे अरुण ने अपने पिता की मौत का जिम्मेदार सोहना अस्पताल प्रसाशन को ठहराया. अरुण ने कहा कि जब बीते रोज उनके पिता को सांस लेने में परेशानी हो रही थी तो वो अपने पिता को सोहना के नागरिक अस्पताल लेकर गए थे. जहां पर वो चार से पांच घंटे बैठे रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती नहीं किया.
अरुण की मानें तो वो डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और बस कुछ दवाइयां थमाकर उनके पिता को वापस घर भेज दिया. जिसके बाद रात को उनके पिता की ज्यादा तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया.
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वहीं मौते होने से पहले रतन सिंह का एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें वो खुद बता रहे हैं कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, लेकिन ढाई घंटे बीत जाने की बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस दौरान रतन सिंह सांस लेने में हो रही दिक्कत की वजह से सही ढंग से बोल भी नहीं पा रहे थे.
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इस पूरे मामले पर अभी तक सोहना सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. अभी अस्पताल प्रशासन की ओर से ये नहीं बताया गया है कि क्यों आखिर गंभीर हालत होने के बाद भी रतन सिंह को भर्ती नहीं किया गया?