नई दिल्ली/नूंह: कोऑपरेटिव बैंक शाखा को सिंगार गांव से पुन्हाना शिफ्ट करने को लेकर गांव के लोगों में भारी नाराजगी है. जिसके चलते गांव के बुजुर्गों ने विधायक चौधरी आफताब अहमद से मुलाकात की. इस दौरान विधायक आफताब अहमद ने कहा कि सिंगार गांव जिले का सबसे बड़ा गांव है. अगर यहां पर कोऑपरेटिव बैंक शाखा यानी पैक्स बंद किया जाता है तो बुजुर्गों को सबसे ज्यादा पेंशन की दिक्कत होगी. बैंक को सरकार पुन्हाना शहर में शिफ्ट कर रही है. अगर बैंक पुन्हाना में शिफ्ट होता है तो तकरीबन 8 किलोमीटर दूर ग्रामीणों को बैंक संबंधित कार्य के लिए पुन्हाना जाना पड़ेगा.
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि अगर बैंक बंद होने की कंगार पर है तो ये सरकार का गलत प्रबंधन है. जिसकी वजह से बैंक घाटे में बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इलाके के लोगों को कुछ दे नहीं सकती सिर्फ लेने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को पैक्स बंद करना है तो कम से कम वैकल्पिक व्यवस्था ग्रामीणों के लिए की जानी चाहिए.
सिंगार गांव के बुजुर्गों का कहना है कि करीब तीन दशक से उनके गांव में कोऑपरेटिव बैंक की शाखा चल रही है. जिसमें गांव के हजारों लोगों की पेंशन आती है. सरकार ने अगर इस शाखा को बंद कर दिया तो ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि गांव के लोगों को पहले की तरह पेंशन मिलती रहे.
सिंगार गांव के सैकड़ों बुजुर्ग अपनी पीड़ा को लेकर करीब 50 किलोमीटर दूर पहुंचे और नेताओं के साथ-साथ अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद वापस अपने गांव सिंगार लौट गए. अब देखना होगा कि सरकार बुजुर्गों की मांग को कितनी गंभीर से लेती है.