नई दिल्ली/गुरुग्राम: मेदांता मेडिसिटी अस्पताल प्रोजेक्ट मामले में गड़बड़ी को लेकर गुरुग्राम पुलिस ने सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा की याचिका पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत ने पुलिस को 24 घंटे के भीतर मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.
ये है पूरा मामला
आईटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने बताया कि उन्होंने जून 2019 में मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दी थी. इसके बाद ईडी ने हरियाणा पुलिस के पास जांच भेज दी थी. आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक इस मामले में गुरुग्राम पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर 3 दिन पहले अदालत का उन्होंने दरवाजा खटखटाया था.
मेदांता मेडिसिट प्रोजेक्ट को लेकर ये है आरोप
आरोप है कि मेदांता का 1000 करोड़ का प्रोजेक्ट 2009 में पूरा होना था. प्रोजेक्ट में अस्पताल बनाने के साथ ही मेडिकल कॉलेज, रिसर्च सेंटर, नर्सिंग स्टाफ के लिए क्वार्टर, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए गेस्ट हाउस सहित कई सुविधाएं विकसित की जानी थी, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर सिर्फ अस्पताल बना कर छोड़ दिया गया.
यही नहीं, प्रोजेक्ट पूरा करने की बजाय यहां से पैसा कमाकर दूसरे प्रदेशों में लगाया गया. याचिका में डॉ. नरेश त्रेहान समेत उनके सभी साझेदार सहित 52 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी.
जिला अदालत ने किया जवाब तलब
हालांकि, अदालत ने अपने आदेशों में सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान, सुनील सचदेवा, अतुल, आनंद जैन, ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड, पुंज लॉयड को नामजद करने के अलावा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के मुख्य प्रशासक एचएसवीपी, गुरुग्राम के प्रशासक संपदा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय से जवाब तलब किया है.