नई दिल्ली/नूंह: सीएए और एनआरसी को लेकर जिले में विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को फिरोजपुर झिरका बार असोसिएशन की पुन्हाना इकाई के वकीलों ने एसडीएम वैशाली शर्मा आईएएस के जरिए मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट को ज्ञापन भेजकर महत्वपूर्ण मांग की है. वकीलों ने पत्रकारों को बताया कि नूंह पुलिस धारा 144 का अपनी मनमर्जी से इस्तेमाल कर रही है.
पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की
उनका आरोप है कि सीएए और एनआरसी के समर्थन में आरएसएस-बीजेपी के लोग जगह-जगह खुले आम कार्यक्रम कर रहे हैं और उनके खिलाफ अभी तक पुलिस प्रशासन ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. लेकिन रविवार को गांधी ग्राम घासेड़ा में सीएए और एनआरसी, एनपीआर इत्यादि को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया. पुलिस प्रशासन धारा 144 में दोगला व्यवहार इलाके के लोगों के साथ कर रहा है.
'खराब हो सकता है भाईचारा'
वकीलों ने कहा कि पुलिस के इस तरह के रवैया से इलाके में टकराव की नौबत आ सकती है. जिससे सदियों से चला आ रहा भाईचारा खराब हो सकता है. वकीलों ने साफ तौर पर कहा की विरोध करने वालों पर एफआईआर हो रही है. समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग बिना परमिशन के धारा 144 लगी होने के बावजूद सीएए - एनआरसी कानून के समर्थन में कार्यक्रम कर चुके हैं. उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाए.
'दर्ज हो रहे हैं झूठे मुकदमे'
वकीलों ने कहा कि मेवात में लोग शांतिपूर्वक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. वकीलों के मुताबिक एसडीएम वैशाली शर्मा ने वकीलों को भरोसा दिलाया कि उनके मांग पत्र को शीघ्र मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के पास भिजवा दिया जाएगा. इसके अलावा इलाके में किसी प्रकार के टकराव की नोबत नही आएगी.