नई दिल्ली/गाजियाबादः विश्व टीबी दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में नुक्कड़-नाटक पेश किया गया. इस दौरान लोगों को समझाने की कोशिश की गई कि टीबी की बीमारी से कैसे बचा जा सकता है. वहीं, जिला अस्पताल में टीबी की जांच और रिपोर्ट लेकर आए मरीज परेशान दिखाई दिए.
विश्व टीबी दिवस पर परेशान हुए मरीज, डॉक्टर करते रहे नुक्कड़ नाटक
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में विश्व टीबी दिवस के अवसर पर नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया गया. इसके जरिए लोगों को बीमारी से बचने के बारे में समझाया गया. हालांकि, इस दौरान टीबी के मरीज काफी परेशान दिखाई दिए.
नुक्कड़ नाटक
नई दिल्ली/गाजियाबादः विश्व टीबी दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल में नुक्कड़-नाटक पेश किया गया. इस दौरान लोगों को समझाने की कोशिश की गई कि टीबी की बीमारी से कैसे बचा जा सकता है. वहीं, जिला अस्पताल में टीबी की जांच और रिपोर्ट लेकर आए मरीज परेशान दिखाई दिए.
मरीजों ने बताया कि उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ा. डॉक्टर साहब कुर्सी पर नहीं हैं. इलाज से संबंधित जानकारी भी नहीं दी जा रही है. इस दौरान कई मरीज ऐसे दिखाई दिए, जो चक्कर काटते हुए नजर आए, लेकिन डॉक्टर दूसरे कामों में व्यस्त थे. जाहिर है विश्व टीबी दिवस पर मरीजों को इस तरह की परेशानी अस्पताल की लापरवाही उजागर करती है.
सावधानी ही टीबी से बचाव
डॉक्टर ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है. इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. ये एक ऐसा रोग है, जो दूसरों से फैल सकता है. इसलिए सावधानी ही इसका बचाव है. डॉक्टर चंद्रप्रकाश का कहना है कि टीबी के मरीजों के खांसते और छींकते समय उनसे दूर रहना चाहिए. मास्क के इस्तेमाल से टीबी से भी बचा जा सकता है. इसी जागरूकता को फैलाने के लिए अस्पताल ने नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया, क्योंकि बहुत लोग इस विषय में जागरूक नहीं हैं.
मरीजों ने बताया कि उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ा. डॉक्टर साहब कुर्सी पर नहीं हैं. इलाज से संबंधित जानकारी भी नहीं दी जा रही है. इस दौरान कई मरीज ऐसे दिखाई दिए, जो चक्कर काटते हुए नजर आए, लेकिन डॉक्टर दूसरे कामों में व्यस्त थे. जाहिर है विश्व टीबी दिवस पर मरीजों को इस तरह की परेशानी अस्पताल की लापरवाही उजागर करती है.
सावधानी ही टीबी से बचाव
डॉक्टर ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है. इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. ये एक ऐसा रोग है, जो दूसरों से फैल सकता है. इसलिए सावधानी ही इसका बचाव है. डॉक्टर चंद्रप्रकाश का कहना है कि टीबी के मरीजों के खांसते और छींकते समय उनसे दूर रहना चाहिए. मास्क के इस्तेमाल से टीबी से भी बचा जा सकता है. इसी जागरूकता को फैलाने के लिए अस्पताल ने नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया, क्योंकि बहुत लोग इस विषय में जागरूक नहीं हैं.