नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर पूरा देश चीन से बदला लेने की मांग कर रहा था. अब कहीं ना कहीं उसी के मद्देनजर सोमवार को आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने भारत में प्रचलित चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया. इनमें टिकटॉक, हेलो, वीचैट, यूसी न्यूज, ब्यूटी कैम जैसे प्रमुख एप भी शामिल हैं. इन एप के बंद हो जाने के बाद इसी सिलसिले में गाजियाबाद की महिलाओं से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
अंशिका त्रिपाठी का कहना है कि सरकार ने चाइना के एप बैन करके सही निर्णय लिया है, लेकिन कहीं ना कहीं टिक टॉक के बैन होने से उनको दुख भी है, क्योंकि बहुत से लोग इसके आदि हो चुके थे, इसलिए वह अब सरकार से मांग कर रही हैं कि इनके रिप्लेस में दूसरे एप बनाए जाए जिससे देश आत्मनिर्भर भी बनेगा.
'सरकार ने अच्छा काम किया'
समाजसेवी रमा श्रीवास्तव का कहना है कि चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की घटना बहुत ही दुखद है और अब भारत सरकार ने चीन के 59 एप बैन करके बहुत ही अच्छा काम किया है.
'चीनी एप्स से नहीं है प्यार'
सोनिया स्वरूप का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के 59 ऐप को बैन कर दिया है, जिसके बाद देश में बहुत ही खुशी का माहौल है. जिसमें महिलाओं की बहुत ही पसंद पसंदीदा एप ब्यूटीप्लस और टिक टॉक भी था, मैं उन सभी महिलाओं की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिलाना चाहती हूं कि हमें उन्हें एप से अब बिल्कुल भी प्यार नहीं है.
'एप्स मिस करेंगे'
पायल त्रिपाठी का कहना है कि कल जो मोदी सरकार ने 59 चाइनीज एप बैन किए हैं, वह बहुत ही जरूरी थे, क्योंकि कहीं ना कहीं हम सब चीन से बहुत ज्यादा दुखी थे, अब चाइना को समझ आएगा कि उसका बहुत अधिक व्यापार भारत से चलता था. लेकिन लड़कियों के पसंद के टिक टॉक और ब्यूटी कैम एप्लीकेशन को वह बहुत ही मिस करेंगे, लेकिन फिर भी वह सरकार के साथ हैं.
'सरकार के फैसले की सराहना'
प्रियंका राणा का कहना है कि भारत सरकार ने जो 59 चाइनीस एप बैन किए हैं, वह सरकार के इस फैसले का स्वागत करती हैं, क्योंकि जिस तरीके से चीन ने हमारे 20 सैनिकों को शहीद किया है और अभी भी उसकी हरकत जारी है, उसको देखते हुए चीन के एप और प्रोडक्ट का हमको खुद ही बॉयकॉट करना चाहिए.
'मेड इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा'
दीपिका अवस्थी का कहना है कि सरकार ने अभी हाल ही में कुछ अच्छे-अच्छे निर्णय लिए हैं और अब चीन के साथ सरकार ने अपना बिजनेस रोककर अच्छा काम किया है. हम सबको उसका सपोर्ट करना चाहिए, अब अधिकतर प्रोडक्ट हमारे इंडिया में ही बनेंगे जिससे मेड इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.