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आंदोलन के एक साल पूरे होने पर क्या बोले किसान, सुनिए...

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान भी कर दिया लेकिन इसके बावजूद किसान MSP कानून को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं और उनका आंदोलन जारी है. कृषि कानून वापस लेने के ऐलान और आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसानों का क्या कहना है, पढ़िए पूरी ख़बर...

Farmer movement completed one year
Farmer movement completed one year
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Published : Nov 26, 2021, 10:15 AM IST

नई दिल्ली/गाजीपुर बॉर्डर: दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर तीन कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा भी की है. लेकिन इसके बावजूद किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं.

प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों से ईटीवी भारत ने बात की, किसानों ने कहा कि जब तक सरकार वैधानिक तरीके से कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, एमएसपी और मारे गए किसानों को न्याय नहीं मिलता है, तब तक का किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

किसान आंदोलन के एक साल पूरे, क्या बोले किसान, सुनिए

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन के एक साल: दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ायी गई

दरअसल, ईटीवी भारत ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल से कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर एक साल से आंदोलन कर रहे कुछ किसानों से बात की. आंदोलनकारी किसान सुनील कुमार का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेने का फैसला उत्तर प्रदेश, पंजाब व अन्य राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर लिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए चुनाव में जिस तरीके से नतीजे रहे उससे सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से कृषि कानून को लागू किया था उसी तरह से जब तक वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान का कहना है कि इससे पहले भी सरकार कई बार जुमलेबाजी कर चुकी है. सुनील का कहना है कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री भाषण देते हैं उतना जमीन पर काम दिखाई नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पेट्रोल, डीजल और खाद के दाम आसमान छू रहे हैं पर इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन का एक साल: कृषि कानूनों के बनने से वापस होने की पूरी कहानी

वहीं लक्खा सिंह ने कहा कि आंदोलन को एक साल जरूर हो गए हैं. लेकिन प्रधानमंत्री पर विश्वास है कि जिस तरीके से उन्होंने तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की है. वह एक दिन एमएसपी पर जरूर कानून बनाएंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैधानिक तरीके से कृषि कानून वापस लेना होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एमएसपी पर सरकार को कानून बनाना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को न्याय और अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन का एक साल: क्या राकेश टिकैत में किसान देशव्यापी बड़ी भूमिका देख रहा है ?

किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे तनवीर सिंह ने कहा कि वह जब से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे हैं. रोजाना किसानों का साथ देने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी आधी मांग मानी है. जब तक सरकार एमएसपी पर कानून नहीं बनाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने मांग की कि किसानों पर जितने भी FIR दर्ज हुए हैं वो वापस होने चाहिए और जो किसान मारे गए हैं सरकार उन्हें न्याय दे वरना आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

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नई दिल्ली/गाजीपुर बॉर्डर: दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर तीन कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा भी की है. लेकिन इसके बावजूद किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं.

प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों से ईटीवी भारत ने बात की, किसानों ने कहा कि जब तक सरकार वैधानिक तरीके से कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, एमएसपी और मारे गए किसानों को न्याय नहीं मिलता है, तब तक का किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

किसान आंदोलन के एक साल पूरे, क्या बोले किसान, सुनिए

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दरअसल, ईटीवी भारत ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल से कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर एक साल से आंदोलन कर रहे कुछ किसानों से बात की. आंदोलनकारी किसान सुनील कुमार का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेने का फैसला उत्तर प्रदेश, पंजाब व अन्य राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर लिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए चुनाव में जिस तरीके से नतीजे रहे उससे सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से कृषि कानून को लागू किया था उसी तरह से जब तक वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान का कहना है कि इससे पहले भी सरकार कई बार जुमलेबाजी कर चुकी है. सुनील का कहना है कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री भाषण देते हैं उतना जमीन पर काम दिखाई नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पेट्रोल, डीजल और खाद के दाम आसमान छू रहे हैं पर इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

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वहीं लक्खा सिंह ने कहा कि आंदोलन को एक साल जरूर हो गए हैं. लेकिन प्रधानमंत्री पर विश्वास है कि जिस तरीके से उन्होंने तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की है. वह एक दिन एमएसपी पर जरूर कानून बनाएंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैधानिक तरीके से कृषि कानून वापस लेना होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एमएसपी पर सरकार को कानून बनाना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को न्याय और अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे तनवीर सिंह ने कहा कि वह जब से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे हैं. रोजाना किसानों का साथ देने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी आधी मांग मानी है. जब तक सरकार एमएसपी पर कानून नहीं बनाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने मांग की कि किसानों पर जितने भी FIR दर्ज हुए हैं वो वापस होने चाहिए और जो किसान मारे गए हैं सरकार उन्हें न्याय दे वरना आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

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