नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहला चरण और 14 फरवरी को दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले और दूसरे चरण के विधानसभा चुनावों से पहले तमाम राजनीतिक दलों का फोकस पश्चिमी उत्तर प्रदेश बना हुआ है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 130 से अधिक विधानसभा सीटें हैं. पश्चिम को साधने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां ताकत झोंक दी हैं. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गाजियाबाद में सियासी चहल-पहल काफी तेज दिखाई दी.
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गाजियाबाद पहुंचे. गाजियाबाद के सदरपुर गांव में जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार मुन्नी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया और गठबंधन प्रत्याशी को भारी मतों से जिताने की अपील की.
जयंत चौधरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि केंद्र सरकार का यह फैसला कब तक टिका रहेगा, ये आगामी विधानसभा चुनाव पर निर्भर है. भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा के नेताओं में किसानों के प्रति कोई संवेदना या भावना नहीं है. किसानों ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा बहुमत दिया. अब हिसाब किताब लेने का वक्त आया है.
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जयंत चौधरी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जब भाजपा ने सत्ता की कमान संभाली थी तब बड़ी बड़ी बातें की थी. 70 लाख लोगों को नौकरी देने की बात कही गई थी लेकिन अब भाजपा सरकार साढ़े चार लोगों को नौकरी देने की बात कर रही है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए जयंत चौधरी ने कहा बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है जब-जब सीएम योगी पश्चिम उत्तर प्रदेश में पांव रखते हैं तो वह कारखानों, नौकरी, गन्ने के किसानों, विकास और औद्योगिकरण की बात नहीं करते हैं. मुख्यमंत्री दंगों से अपने भाषण की शुरुआत करते हैं और बार-बार दंगों की याद दिलाते हैं.