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सरकार की धरना हटाने की धमकियों से आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा: टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 5 महीने पूरे होने जा रहे हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए किसान एहतियात बरत रहे हैं. बॉर्डर पर तमाम किसानों ने मास्क लगा रखे हैं. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं.

rakesh tikait
राकेश टिकैत
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Published : Apr 20, 2021, 10:57 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि सरकार की धरना हटाने की धमकियों से आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. किसान मोर्चे पर गांव की तरह घर में रह रहे हैं. कटाई के बाद लगातार संख्या बढ़ती रहेगी. उनकी घर वापसी तभी होगी, जब तीन काले कानून वापस हो जाएंगे और एमएसपी का कानून बन जाएगा.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन


उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करने के लिए गांव-गांव में तैयारी चल रही है. जैसे ही इन मोर्चों पर उपस्थिति बढ़ेगी, वैसे ही आगे की योजना घोषित की जाएगी. सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि दोबारा किसान आंदोलन को ऑपरेशन क्लीन करने का दुस्साहस ना करें, वरना हमारी भी तैयारी पूरी है.

ये भी पढ़ेंःगाजियाबादः प्रवासी कामगारों के घर लौटने से रेस्टोरेंट्स कारोबार पर छाए संकट के बादल

कोरोना सुरक्षा के दायित्वों का कर रहे पालन
उन्होंने कहा कि सारे किसान कोरोना की सुरक्षा के दायित्वों का पालन कर रहे हैं. हम उसकी व्यवस्था भी कर रहे है. यह बात समझना जरूरी है कि अगर यहां से किसान हट भी जाएं, तब भी, तो गांव में ही रहेंगे. कोरोना, तो देश से नहीं भागेगा. कोरोना, तो अब आ गया है और इसके डर से किसान आंदोलन को नहीं हटाया जा सकता. इलाज के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए.

तराई किसान समिति के तेजिंदर विर्क ने बताया कि पूरे उत्तराखंड व पश्चिम उत्तर प्रदेश से गाजीपुर बॉर्डर पर संख्या बढ़ाने पर अभियान चलाया जा रहा है. बीकेयू प्रांतीय अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि मोर्चे में सभी किसानों के लिए कोरोना हिदायतों के पालन की व्यवस्था की जा रही है. चिकित्सा की भी व्यवस्था पूरी की जा रही है. हर कैंप की जांच डॉक्टर करेंगे तथा शाम के समय उपलब्ध रहेंगे.

गाजीपुर समिति के सदस्य बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों का गाजीपुर बॉर्डर पर स्वागत है. उनके रहने-खाने की कोई दिक्कत है, तो हमारा मोर्चा उनका स्वागत करेगा. मोर्चे की ओर से आनंद विहार टर्मिनल पर मजदूरों को मुफ्त में खाना भी वितरित किया जा रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि सरकार की धरना हटाने की धमकियों से आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. किसान मोर्चे पर गांव की तरह घर में रह रहे हैं. कटाई के बाद लगातार संख्या बढ़ती रहेगी. उनकी घर वापसी तभी होगी, जब तीन काले कानून वापस हो जाएंगे और एमएसपी का कानून बन जाएगा.

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन


उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करने के लिए गांव-गांव में तैयारी चल रही है. जैसे ही इन मोर्चों पर उपस्थिति बढ़ेगी, वैसे ही आगे की योजना घोषित की जाएगी. सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि दोबारा किसान आंदोलन को ऑपरेशन क्लीन करने का दुस्साहस ना करें, वरना हमारी भी तैयारी पूरी है.

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कोरोना सुरक्षा के दायित्वों का कर रहे पालन
उन्होंने कहा कि सारे किसान कोरोना की सुरक्षा के दायित्वों का पालन कर रहे हैं. हम उसकी व्यवस्था भी कर रहे है. यह बात समझना जरूरी है कि अगर यहां से किसान हट भी जाएं, तब भी, तो गांव में ही रहेंगे. कोरोना, तो देश से नहीं भागेगा. कोरोना, तो अब आ गया है और इसके डर से किसान आंदोलन को नहीं हटाया जा सकता. इलाज के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए.

तराई किसान समिति के तेजिंदर विर्क ने बताया कि पूरे उत्तराखंड व पश्चिम उत्तर प्रदेश से गाजीपुर बॉर्डर पर संख्या बढ़ाने पर अभियान चलाया जा रहा है. बीकेयू प्रांतीय अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि मोर्चे में सभी किसानों के लिए कोरोना हिदायतों के पालन की व्यवस्था की जा रही है. चिकित्सा की भी व्यवस्था पूरी की जा रही है. हर कैंप की जांच डॉक्टर करेंगे तथा शाम के समय उपलब्ध रहेंगे.

गाजीपुर समिति के सदस्य बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों का गाजीपुर बॉर्डर पर स्वागत है. उनके रहने-खाने की कोई दिक्कत है, तो हमारा मोर्चा उनका स्वागत करेगा. मोर्चे की ओर से आनंद विहार टर्मिनल पर मजदूरों को मुफ्त में खाना भी वितरित किया जा रहा है.

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