नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोरटा में प्रवासी मजदूरों के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग खुद रोजे में 15 घंटे भूखे रहकर मजदूरों को खाना वितरित करके मानवता की एक मिसाल पेश कर रहे हैं. लाॅकडाउन के कारण गाजियाबाद जिला में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए मोरटा गांव के मेन रोड पर राधा स्वामी सत्संग व्यास में आश्रय स्थल बनाया गया है.
पैदल पहुंच रहे हैं मजदूर
यहां से हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद भेजा जा रहा है. आश्रय स्थल में आने के लिए मजदूर 5 से 6 दिन से लगातार पैदल चलकर लंबा सफर तय कर रहे हैं. इस दौरान मजदूरों के साथ-साथ भूख से उनके छोटे-छोटे बच्चे भी तड़प रहे हैं. ऐसे में मजदूरों का पेट भरने के लिए मुरादनगर के मुस्लिम समुदाय के समाजसेवी लोग खुद रोजा रखने के बावजूद मजदूरों को खाना वितरित कर रहे हैं.
ये टीम कर रही समाजसेवा
आश्रय स्थल के बाहर खाना वितरित कर रहे अनस भूरे चौधरी ने बताया कि जिस दिन से उनको पता चला है कि मजदूर दर-दर भटक रहे हैं और पैदल लंबा सफर तय कर आश्रय स्थल आ रहे हैं. तब से वह खुद और उनकी पूरी टीम मजदूरों की सेवा में लगी हुई है. उन्होंने बताया कि फिरोज भाई, तारीख गाजी और उनके चाचा परवेज चौधरी और उनका पूरा परिवार मजदूरों की सेवा में लगा हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह खुद रोजे रख रहे हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि कोई भी मजदूर भूखा ना रहें.
मजदूरों को खाना खिलाना हमारा कर्तव्य
मुरादनगर निवासी तारिक गाजी का कहना है कि ये जो मजदूर हैं ये हमारे बीच के लोग हैं. इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि जो हम इनके लिए कर सकते हैं, हमें करना चाहिए. इसलिए वह खुद रोजे में भूखे रहकर इन मजदूरों को खाना खिला रहे हैं.