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EPE को पार करने के लिए दुहाई में 73 मीटर लंबा स्टील स्पैन लगाया - दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग

एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग पर दुहाई डिपो के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के मुख्य मार्ग को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 73 मीटर लंबे और 875 टन वजनी स्पेशल स्टील स्पैन (पुल) को ईपीई के मुख्य मार्ग के दोनों ओर बनाए गए लगभग 16 मीटर ऊंचाई के पिलर्स पर सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है.

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Published : Apr 21, 2022, 7:59 PM IST

गाजियाबाद/नई दिल्लीः एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग पर दुहाई डिपो के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के मुख्य मार्ग को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर पुल का काम पूरा कर लिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक ईपीई के ऊपर से इस विशेष स्टील स्पैन को स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया न्यूनतम व्यवधानों के साथ निर्दिष्ट ब्लॉकों के भीतर पूरी की गई. इस विशाल स्पेशल स्टील स्पैन की स्थापना के लिए सबसे पहले पूरी स्टील स्पैन की संरचना को बीम व कॉलम से युक्त एक ढांचे के ऊपर वास्तविक स्थान के निकट तैयार किया गया.

पूरी संरचना तैयार होने के बाद, विंच और रोलर की मदद से इसे खिसका कर दोनों ओर बनाए गए पिलर्स की ओर ले जाया गया और उनपर स्थापित किया गया. चूंकि यह बहुत ही भारी-भरकम संरचना होती है, यह कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जटिल था. स्थापित किए गए इस स्पेशल स्टील स्पैन का निर्माण इतना सटीक और उत्तम है कि इसकी स्थापना के बाद किसी भी अन्य निर्माण की आवश्यकता नहीं है. यह बिल्कुल तैयार है और इसकी स्थापना के बाद, ट्रैक बिछाने और ओएचई आदि की स्थापना जैसे अगले कार्य तुरंत ही प्रारम्भ किए जा सकते हैं. इस विशेष स्टील स्पैन की सफल स्थापना के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा कर लिया गया है.

इसे भी पढ़ेंः RRTS Corridor: आनंद विहार से मेरठ तक बिजली यूटिलिटी शिफ्टिंग कार्य पूरा

इस स्पैन को मिलाकर अब तक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 5 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किये गए हैं, जिनमें एक 73 मीटर लंबा स्पेशल स्पैन रेलवे की मुख्य रेललाइन पर वसुंधरा में, 150 मीटर लंबा एक स्टील स्पैन गाज़ियाबाद स्टेशन के पास, दो 45 मीटर लंबे स्टील स्पैन दुहाई डिपो की ओर जा रहे आरआरटीएस वायाडक्ट के लिए और ये 73 मीटर लंबा स्पैन ईपीई को पार करने के लिये बनाए गए हैं.आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है. जिसके बाद लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) इन पर आरआरटीएस के वायाडक्ट का निर्माण करती हैं. हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः ईटीवी भारत पर देश के प्रथम रैपिड रेल की पहली झलक, मार्च 2023 में भरेगी रफ्तार

ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए विशेष स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है. विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं. एनसीआरटीसी कारखानों में स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष स्पैन का निर्माण कर रहा है, जिसे किसी भी ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़ा जाता है. इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है.

गाजियाबाद/नई दिल्लीः एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग पर दुहाई डिपो के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के मुख्य मार्ग को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर पुल का काम पूरा कर लिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक ईपीई के ऊपर से इस विशेष स्टील स्पैन को स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया न्यूनतम व्यवधानों के साथ निर्दिष्ट ब्लॉकों के भीतर पूरी की गई. इस विशाल स्पेशल स्टील स्पैन की स्थापना के लिए सबसे पहले पूरी स्टील स्पैन की संरचना को बीम व कॉलम से युक्त एक ढांचे के ऊपर वास्तविक स्थान के निकट तैयार किया गया.

पूरी संरचना तैयार होने के बाद, विंच और रोलर की मदद से इसे खिसका कर दोनों ओर बनाए गए पिलर्स की ओर ले जाया गया और उनपर स्थापित किया गया. चूंकि यह बहुत ही भारी-भरकम संरचना होती है, यह कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जटिल था. स्थापित किए गए इस स्पेशल स्टील स्पैन का निर्माण इतना सटीक और उत्तम है कि इसकी स्थापना के बाद किसी भी अन्य निर्माण की आवश्यकता नहीं है. यह बिल्कुल तैयार है और इसकी स्थापना के बाद, ट्रैक बिछाने और ओएचई आदि की स्थापना जैसे अगले कार्य तुरंत ही प्रारम्भ किए जा सकते हैं. इस विशेष स्टील स्पैन की सफल स्थापना के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा कर लिया गया है.

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इस स्पैन को मिलाकर अब तक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 5 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किये गए हैं, जिनमें एक 73 मीटर लंबा स्पेशल स्पैन रेलवे की मुख्य रेललाइन पर वसुंधरा में, 150 मीटर लंबा एक स्टील स्पैन गाज़ियाबाद स्टेशन के पास, दो 45 मीटर लंबे स्टील स्पैन दुहाई डिपो की ओर जा रहे आरआरटीएस वायाडक्ट के लिए और ये 73 मीटर लंबा स्पैन ईपीई को पार करने के लिये बनाए गए हैं.आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है. जिसके बाद लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) इन पर आरआरटीएस के वायाडक्ट का निर्माण करती हैं. हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.

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ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए विशेष स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है. विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं. एनसीआरटीसी कारखानों में स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष स्पैन का निर्माण कर रहा है, जिसे किसी भी ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़ा जाता है. इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है.

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