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चोरों का पार्टनर हाेने के आराेप में दाे पुलिस वालाें काे एसएसपी ने किया सस्पेंड

गाजियाबाद में पुलिस की वर्दी दागदार हुई है. दो पुलिस वालाें के तार चोरी के वाहन के पार्ट्स बेचने वाले गिराेह से जुड़े पाये गये. एसएसपी ने दाेनाें काे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

गाजियाबादः
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Published : Oct 28, 2021, 8:08 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में 26 अक्टूबर को पुलिस ने एक फैक्ट्री के प्लॉट पर छापा मारा था. वहां से सैकड़ों चोरी के वाहन मिले थे. इसके अलावा वाहनों के पार्ट्स भी बरामद हुए थे. इन पार्ट्स को दिल्ली एनसीआर में सप्लाई किया जाता था. अवैध रूप से यहां पर चोरी के वाहन लाकर उसकाे काटा जाता था. करोड़ों रुपए के वाहन और पार्ट्स बरामद होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ था.

पता चला था कि जितने भी दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी होते हैं, उन्हें संबंधित प्लॉट पर लाकर उनके पार्ट काे अलग-अलग करके बेच दिए जाता था. मामले में कई आरोपियों काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लेकिन सवाल ये था कि यह गोरखधंधा इलाके में चल रहा था और पुलिस को कानों कान भनक क्यों नहीं लगी. एसएसपी ने इस पर अलग से जांच करवाई. जांच में ट्रोनिका सिटी की पुलिस चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सुशील कुमार और बीट के मुख्य कॉन्स्टेबल यशपाल की मिलीभगत सामने आई. दोनों को तत्काल प्रभाव से एसएसपी ने निलंबित कर दिया है.

पढ़ेंः इस गोदाम में पहुंचती थी दिल्ली NCR से चोरी होने वाली गाड़ियां, ऐसे हुआ खुलासा

चोरी के वाहनों के पार्ट्स को बेचने से हासिल होने वाली रकम में दोनों पुलिसकर्मी पार्टनर बताए जाते हैं. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आखिरकार केस के तार कहां तक जुड़े हुए हैं. दोनों पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद मामला काफी गंभीर हो गया है, देखना यह होगा कि इस मामले में आने वाले वक्त में और कितने नाम उजागर होते हैं.

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नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में 26 अक्टूबर को पुलिस ने एक फैक्ट्री के प्लॉट पर छापा मारा था. वहां से सैकड़ों चोरी के वाहन मिले थे. इसके अलावा वाहनों के पार्ट्स भी बरामद हुए थे. इन पार्ट्स को दिल्ली एनसीआर में सप्लाई किया जाता था. अवैध रूप से यहां पर चोरी के वाहन लाकर उसकाे काटा जाता था. करोड़ों रुपए के वाहन और पार्ट्स बरामद होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ था.

पता चला था कि जितने भी दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी होते हैं, उन्हें संबंधित प्लॉट पर लाकर उनके पार्ट काे अलग-अलग करके बेच दिए जाता था. मामले में कई आरोपियों काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लेकिन सवाल ये था कि यह गोरखधंधा इलाके में चल रहा था और पुलिस को कानों कान भनक क्यों नहीं लगी. एसएसपी ने इस पर अलग से जांच करवाई. जांच में ट्रोनिका सिटी की पुलिस चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सुशील कुमार और बीट के मुख्य कॉन्स्टेबल यशपाल की मिलीभगत सामने आई. दोनों को तत्काल प्रभाव से एसएसपी ने निलंबित कर दिया है.

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चोरी के वाहनों के पार्ट्स को बेचने से हासिल होने वाली रकम में दोनों पुलिसकर्मी पार्टनर बताए जाते हैं. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आखिरकार केस के तार कहां तक जुड़े हुए हैं. दोनों पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद मामला काफी गंभीर हो गया है, देखना यह होगा कि इस मामले में आने वाले वक्त में और कितने नाम उजागर होते हैं.

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