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डासना जेल में बंद कैदियों से इस रक्षाबंधन पर नहीं मिल पाएंगी बहनें

इस रक्षाबंधन गाजियाबाद की डासना जेल प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना काल में कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी लगी हुई है. इसलिए कैदियों को उनकी बहनों से मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती है. कोरोना के खतरे को देखते हुए ये कदम उठाया गया है.

Dasna jail inmates
डासना जेल में रक्षाबंधन
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Published : Aug 1, 2020, 1:26 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस रक्षाबंधन गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों से उनकी बहनें मुलाकात नहीं कर पाएंगी. जाहिर है इस वजह से भाइयों की कलाइयां सूनी रह जाएंगी. इसकी वजह कोरोनावायरस का खतरा है जेल प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना काल में कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी लगी हुई है. इसलिए कैदियों को उनकी बहनों से मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

डासना जेल में रक्षाबंधन को लेकर निर्देश


बहने लिफाफे में पहुंचाएंगी राखी

जेल प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि बहने एक लिफाफे में राखी का धागा और बाकी सामग्री जेल के गेट तक पहुंचा सकती हैं. इसके लिए अंतिम समय 1 अगस्त शाम तक तय किया गया है. सबसे पहले सभी लिफाफे चेक करके सैनिटाइज किए जाएंगे. इसके बाद उनको भाइयों तक पहुंचाया जाएगा. हालांकि निराशाजनक बात ये है कि भाइयों को खुद ही उस राखी को अपनी कलाई पर बांधना पड़ेगा.


लगती थी लंबी कतार

कोरोना की वजह से बहने भी भाइयों से दूर हो गई हैं. आम तौर पर रक्षाबंधन के दिन डासना जेल में विशेष इंतजाम किए जाते थे. बहन और भाई सलाखों के बीच से भी एक दूसरे से मिलते थे. बहने पवित्र धागा भाई की कलाई पर बांध कर उसकी लंबी आयु के साथ-साथ उसके अच्छे भविष्य की कामना करती थी. लेकिन इस बार ये कामना सामने रहकर नहीं हो पाएगी. जैसे भाइयों और बहनों में काफी निराशा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस रक्षाबंधन गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों से उनकी बहनें मुलाकात नहीं कर पाएंगी. जाहिर है इस वजह से भाइयों की कलाइयां सूनी रह जाएंगी. इसकी वजह कोरोनावायरस का खतरा है जेल प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना काल में कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी लगी हुई है. इसलिए कैदियों को उनकी बहनों से मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

डासना जेल में रक्षाबंधन को लेकर निर्देश


बहने लिफाफे में पहुंचाएंगी राखी

जेल प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि बहने एक लिफाफे में राखी का धागा और बाकी सामग्री जेल के गेट तक पहुंचा सकती हैं. इसके लिए अंतिम समय 1 अगस्त शाम तक तय किया गया है. सबसे पहले सभी लिफाफे चेक करके सैनिटाइज किए जाएंगे. इसके बाद उनको भाइयों तक पहुंचाया जाएगा. हालांकि निराशाजनक बात ये है कि भाइयों को खुद ही उस राखी को अपनी कलाई पर बांधना पड़ेगा.


लगती थी लंबी कतार

कोरोना की वजह से बहने भी भाइयों से दूर हो गई हैं. आम तौर पर रक्षाबंधन के दिन डासना जेल में विशेष इंतजाम किए जाते थे. बहन और भाई सलाखों के बीच से भी एक दूसरे से मिलते थे. बहने पवित्र धागा भाई की कलाई पर बांध कर उसकी लंबी आयु के साथ-साथ उसके अच्छे भविष्य की कामना करती थी. लेकिन इस बार ये कामना सामने रहकर नहीं हो पाएगी. जैसे भाइयों और बहनों में काफी निराशा है.

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