नई दिल्ली: ट्रेन-18 की बहन के नाम से मशहूर हुई ICF की आधुनिक मेमू गाड़ी अब चलने को तैयार है.जानकारी के मुताबिक इस गाड़ी को गाजियाबाद से पलवल के बीच किसी मौजूदा सर्विस की जगह इस्तेमाल किया जाएगा. हाल ही में गुपचुप तरीके से इसका ट्रायल भी किया गया है.
![sister of Train 18 run between Palwal from Ghaziabad](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2886869_430_56f40510-face-4379-9e0e-120f50394087.png)
मिली जानकारी के मुताबिक आचार संहिता के चलते इस मेमू गाड़ी को किसी नई सर्विस की तरह न चलाकर मौजूदा किसी रुट पर पुरानी गाड़ी को बदलने का फैसला हुआ था. इसी के चलते पलवल से गाजियाबाद रुट पर वाया नई दिल्ली चलने वाले एक पैसेंजर गाड़ी के रेक को बदलकर इस गाड़ी को चलाया जाना भी तय कर लिया गया है. बहुत जल्दी उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और दिल्ली मंडल के रेल प्रबंधक इसका निरीक्षण कर सकते हैं.
![sister of Train 18 run between Palwal from Ghaziabad](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2886869_511_3f43f8db-0f26-4590-9632-aa7c7e00ab34.png)
शुरुआत होने के बाद यह गाड़ी पलवल से सुबह 7:15 पर चलकर 8:50 पर नई दिल्ली पहुंचने के बाद 9:55 पर गाजियाबाद पहुंचेगी. वापसी में फिर यह दोपहर 3:10 पर गाजियाबाद से चलकर शाम 4:00 बजे नई दिल्ली पहुंच शाम 8:25 पर पलवल पहुंचेगी. उत्तर रेलवे के पास मौजूद 4 रेक में से दो लेक का इस्तेमाल इस रूट पर किया जाएगा. गाड़ी में कुल 12 डिब्बे होंगे और इसकी अधिकतम गति सीमा 106 किलोमीटर प्रति घंटे तक की होगी.
![sister of Train 18 run between Palwal from Ghaziabad](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2886869_783_ab3b61d6-c12a-43ba-923a-24984058cc6a.png)
बता दें कि देश की सबसे आधुनिक व पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन18 तैयार करने वाली रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इस खास तरह की मेमू रेलगाड़ी को बनाया है. इस गाड़ी में ट्रेन 18 जैसी बहुत खूबियां हैं. सबसे पहले इसका डिजाइन भी T-18 एयरोडायनेमिक है. वर्तमान में चल रही मेमू रेलगाड़ियों की तुलना में इस में बहुत सी आधुनिक सुविधाएं दी गई है जिसमें यात्री सुविधाओं का हर छोटा-बड़ा ध्यान रखा गया है. गाड़ी में बैठने के लिए बढ़िया सीटों के अलावा कैमरा, जीपीएस और जीपीएस आधारित अनाउंसमेंट सिस्टम जैसे फीचर है. अभी के समय में उत्तर रेलवे के पास ऐसी 4 रेक हैं जिनमें से 2 का इस्तेमाल गाजियाबाद से पलवल तक चलने वाली पैसेंजर गाड़ी की जगह किया जाएगा.