नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन के महीनों में आने वाली महा शिवरात्रि पर जिन मंदिरों में पांव रखने की जगह नहीं मिलती थी. उन मंदिरों में अब ना के बराबर ही श्रद्धालु दिखाई दे रहे हैं. जोकि भगवान से कोरोना काल को खत्म करते हुए एक बार फिर से मंदिरों में रौनक लौटाने की प्रार्थना कर रहे हैं.
कोरोना काल ने एक बार फिर से सावन के महीने में आने वाली महाशिवरात्रि की रौनक छीन ली है क्योंकि इस त्यौहार पर हरिद्वार से कांवड़ लाकर श्रद्धालु मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते थे. जिसकी वजह से मंदिरों में लंबी-लंबी लाइन लगी होती थी. लेकिन इस बार भी मंदिरों से भीड़ नदारद दिखाई दे रही है. मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु भी उदास हैं.
गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे में 100 साल पुराने प्राचीन शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगी होती थी. काफी घंटों के इंतजार के बाद श्रद्धालुओं का नंबर आता था. दूसरी ओर मंदिर में पांव रखने की जगह नहीं होती थी. लेकिन आज महाशिवरात्रि के अवसर पर उसी मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है. चुनिंदा श्रद्धालु ही मंदिर में दिखाई दे रहे हैं.
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श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां अब पहले की तरह रौनक बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई थी. पहले यहां काफी रौनक होती थी. इस तरह महाशिवरात्रि का पर्व मनाने से वह निराश जरूर हैं. इसीलिए वह भगवान शिव से कोरोना को खत्म करते हुए जल्द से जल्द मंदिरों में रौनक वापस लौटाने की प्रार्थना कर रहे हैं.