नई दिल्ली/गाजियाबाद: प्रशासनिक अधिकारी गाजियाबाद जिले को एक तरफ स्मार्ट सिटी का तमगा लगवाने का दावा करते हैं. वहीं साहिबाबाद के भोपुरा, गगन विहार इलाके की बदरंग तस्वीरें इस दावे की खोखली हकीकत सामने लाने के लिए काफी है.
हालात यह हैं कि नाले के अधूरे निर्माण के चलते गगन विहार कॉलोनी के निवासी पिछले कई सालों से नारकीय जीवन बिताने को मजबूर हैं. पूरी कॉलोनी में सीवर का पानी भरा होने के चलते लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं.
ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए गगन विहार और तुलसी निकेतन के निवासियों ने बताया कि पिछले कई सालों से वह सीवर और नाले के गंदे पानी और बदबू के बीच रहने को मजबूर हैं. अधिकारी कभी यहां झांकने तक नहीं आते.
उन्होंने आगे बताया कि इस वजह से लोग या तो घरों के बाहर निकलते ही नहीं. और निकलना भी पडे़ तो सड़कों और गलियों में भरे सीवर के गंदे पानी के बीच से निकलने को मजबूर हैं. इसके चलते बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है.
'जनता के साथ उतरेंगे सड़क पर'
वहीं इस बारे में बात करते हुए स्थानीय पार्षद विनोद कसाना ने बताया कि वार्ड 20 में जीडीए द्वारा गगन विहार और तुलसी निकेतन के बीच नाला बनवाया गया था. लेकिन करीब 30 मीटर का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया.
अब इसके चलते आसपास के इलाकों का गंदा पानी भी यहां जमा हो जाता है. उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार जनहित में अच्छे कार्य कर रही है. लेकिन जीडीए और नगर निगम के अधिकारी अपने नकारा रवैये से सरकार की छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिकारियों से पत्राचार किया गया है. इसपर वह गंभीर नहीं हुए तो पार्षद जनता के साथ सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.