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किसानों के रेल रोको आंदोलन के लिए चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था - किसान रेल रोको आंदोलन

किसान आंदोलन से जुड़े किसान नेता का 18 फरवरी को होने वाली किसानों के रेल रोको आंदोलन कहना हैं कि कहीं ना कहीं उन्हें भी ज्यादा एहतियात रखने की जरूरत है. क्योंकि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च से पहले भी यह कहा गया था कि सब कुछ शांतिपूर्ण रहेगा. लेकिन उस दिन जो हुआ उसने आंदोलन पर बड़ा दाग लगा दिया था.

security for farmers rail roko movement in ghaziabad
किसानों के रेल रोको आंदोलन के लिए चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था
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Published : Feb 17, 2021, 11:16 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: 18 फरवरी को किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर रेलवे पुलिस के अलावा स्थानीय पुलिस की संख्या भी बढ़ाई गई है. रेल रोको आंदोलन का मुख्य असर देहात एरिया के मुरादनगर और मोदीनगर में व्यापक रूप से होने की आशंका है. जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था में अतिरिक्त इजाफा किया गया है.

किसानों के रेल रोको आंदोलन के लिए चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था



कहीं ना हो जाए 26 जनवरी जैसी गलती

किसान आंदोलन से जुड़े किसान नेता इस बात को मानते हैं कि कहीं ना कहीं उन्हें भी ज्यादा एहतियात रखने की जरूरत है. क्योंकि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च से पहले भी यह कहा गया था कि सब कुछ शांतिपूर्ण रहेगा. लेकिन उस दिन जो हुआ उसने आंदोलन पर बड़ा दाग लगा दिया था. हालांकि किसानों का यह कहना है कि लाल किले पर गलत हरकत करने वाले किसान नहीं थे बल्कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की गई थी. ऐसे में रेल रोको आंदोलन के बीच भी कोई ऐसी हरकत ना हो जाए, उससे बचने के लिए तमाम इंतजाम खुद के साथ भी कर रहे हैं.


मुख्य रूप से मोदीनगर में रोकी जाएगी रेल

पूरे जिले में किसान नेता इस बात का आह्वान कर रहे हैं कि गाजियाबाद जिले में सिर्फ एक ही जगह रेल रोकी जाए. इसके लिए फिलहाल मोदीनगर को चिन्हित किया गया है. जहां पर भारी संख्या में किसान पहुंचेंगे. यह कार्यक्रम 12:00 से 4:00 के बीच रहने वाला है. इस बीच गुजरने वाली किसी भी ट्रेन को रोका जा सकता है. जिसके लिए प्रशासन और पुलिस की भी खास तैयारी है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: 18 फरवरी को किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर रेलवे पुलिस के अलावा स्थानीय पुलिस की संख्या भी बढ़ाई गई है. रेल रोको आंदोलन का मुख्य असर देहात एरिया के मुरादनगर और मोदीनगर में व्यापक रूप से होने की आशंका है. जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था में अतिरिक्त इजाफा किया गया है.

किसानों के रेल रोको आंदोलन के लिए चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था



कहीं ना हो जाए 26 जनवरी जैसी गलती

किसान आंदोलन से जुड़े किसान नेता इस बात को मानते हैं कि कहीं ना कहीं उन्हें भी ज्यादा एहतियात रखने की जरूरत है. क्योंकि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च से पहले भी यह कहा गया था कि सब कुछ शांतिपूर्ण रहेगा. लेकिन उस दिन जो हुआ उसने आंदोलन पर बड़ा दाग लगा दिया था. हालांकि किसानों का यह कहना है कि लाल किले पर गलत हरकत करने वाले किसान नहीं थे बल्कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की गई थी. ऐसे में रेल रोको आंदोलन के बीच भी कोई ऐसी हरकत ना हो जाए, उससे बचने के लिए तमाम इंतजाम खुद के साथ भी कर रहे हैं.


मुख्य रूप से मोदीनगर में रोकी जाएगी रेल

पूरे जिले में किसान नेता इस बात का आह्वान कर रहे हैं कि गाजियाबाद जिले में सिर्फ एक ही जगह रेल रोकी जाए. इसके लिए फिलहाल मोदीनगर को चिन्हित किया गया है. जहां पर भारी संख्या में किसान पहुंचेंगे. यह कार्यक्रम 12:00 से 4:00 के बीच रहने वाला है. इस बीच गुजरने वाली किसी भी ट्रेन को रोका जा सकता है. जिसके लिए प्रशासन और पुलिस की भी खास तैयारी है.

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