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कारगिल विजय दिवसः जानिए उस महिला डॉक्टर की कहानी जिसने युद्ध के दौरान किया था सैनिकों का इलाज - एकमात्र महिला मेडिकल ऑफिसर प्राची गर्ग

कारगिल विजय दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने रिटायर्ड मेजर डॉ. प्राची गर्ग से बातचीत की. डॉ. प्राची गर्ग कारगिल युद्ध के समय द्रास सेक्टर में आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिला अधिकारी थी. उन्होंने करीब 200 से अधिक घायल सैनिकों का इलाज किया था.

मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.
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Published : Jul 26, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Jul 26, 2022, 12:00 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः कारगिल युद्ध को 'ऑपरेशन विजय' के नाम से भी जाना जाता है. ये भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है. पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी. हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त करते हुए उसे पीछे खदेड़ दिया था.

गाजियाबाद के अशोक नगर की रहने वाली मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. कारगिल विजय दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने भारतीय थल सेना में मेडिकल ऑफिसर रहीं मेजर डॉ. प्राची गर्ग से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान वह द्रास सेक्टर में आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात थीं. कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर देश के जांबाज सैनिकों का इलाज किया.

मेजर डॉ. प्राची गर्ग से बातचीत.

ब्रिगेड में मेजर प्राची एकमात्र महिला मेडिकल ऑफिसर थीं. जिन्होंने तकरीबन 200 से अधिक घायल सैनिकों का इलाज किया था. डॉ. प्राची बताती हैं कि युद्ध के दौरान कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे, जो कि उनकी आंखों के सामने शहीद हो गए थे. आज भी उन्हें इस बात का दुख होता है कि वह देश के कई जांबाज सैनिकों को नहीं बचा पाईं. प्राची गर्ग कहती हैं कि अगर आज भी उन्हें सेना फिर से ज्वाइन करने का मौका मिलेगा, तो वह जरूर करेंगी.

मेजर डॉ. प्राची गर्ग को नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग को नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.

कहा जाता है कि सेना से जुड़े लोगों में देश सेवा का जज्बा होता है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान डॉ. प्राची गर्ग की देखरेख में कई हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो चुका है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डॉ. प्राची संक्रमित हो गई थीं. इस दौरान वह घर पर आइसोलेट रहीं, लेकिन संक्रमित रहने के बावजूद भी डॉ. प्राची ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से संक्रमित मरीजों का इलाज किया.

कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर सैनिकों का इलाज किया.
कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर सैनिकों का इलाज किया.

डॉ. गर्ग ने बताया कि 2003 में वो सेना से रिटायर हो गईं. अब वो डॉ. केके अग्रवाल के साथ हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया में बतौर डॉक्टर काम कर रही हैं. कारगिल युद्ध ये दौरान सेना में उन्होंने जो अनुशासन सीखा था वो उनके जीवन में बहुत काम आ रहा है. मौजूदा समय में मेजर प्राची गर्ग अपने घर में OPD चलाती हैं. OPD में डॉक्टर प्राची आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श देती हैं.

वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.
वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.

ये भी पढ़ें- कारगिल विजय दिवस : जांबाज भारतीय सेना ने जीती थी हारी हुई बाजी, जानें कैसे हुआ मुमकिन

वर्ष 2016 में डॉ. प्राची को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा अमृतसर में आईएमए के डॉक्टर एपी शुक्ला मेमोरियल सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है. 2018 में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा उन्हें "नो प्लास्टिक कैंपेन" का ग्रीन एंबेसडर बनाया जा चुका है. मौजूदा समय में डॉ. प्राची इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पब्लिक ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम के उत्तर प्रदेश संयोजक के पद पर तैनात हैं.

वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.
वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.

नई दिल्ली/गाजियाबादः कारगिल युद्ध को 'ऑपरेशन विजय' के नाम से भी जाना जाता है. ये भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है. पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी. हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त करते हुए उसे पीछे खदेड़ दिया था.

गाजियाबाद के अशोक नगर की रहने वाली मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. कारगिल विजय दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने भारतीय थल सेना में मेडिकल ऑफिसर रहीं मेजर डॉ. प्राची गर्ग से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान वह द्रास सेक्टर में आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात थीं. कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर देश के जांबाज सैनिकों का इलाज किया.

मेजर डॉ. प्राची गर्ग से बातचीत.

ब्रिगेड में मेजर प्राची एकमात्र महिला मेडिकल ऑफिसर थीं. जिन्होंने तकरीबन 200 से अधिक घायल सैनिकों का इलाज किया था. डॉ. प्राची बताती हैं कि युद्ध के दौरान कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे, जो कि उनकी आंखों के सामने शहीद हो गए थे. आज भी उन्हें इस बात का दुख होता है कि वह देश के कई जांबाज सैनिकों को नहीं बचा पाईं. प्राची गर्ग कहती हैं कि अगर आज भी उन्हें सेना फिर से ज्वाइन करने का मौका मिलेगा, तो वह जरूर करेंगी.

मेजर डॉ. प्राची गर्ग को नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग को नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.
मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.

कहा जाता है कि सेना से जुड़े लोगों में देश सेवा का जज्बा होता है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान डॉ. प्राची गर्ग की देखरेख में कई हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो चुका है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डॉ. प्राची संक्रमित हो गई थीं. इस दौरान वह घर पर आइसोलेट रहीं, लेकिन संक्रमित रहने के बावजूद भी डॉ. प्राची ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से संक्रमित मरीजों का इलाज किया.

कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर सैनिकों का इलाज किया.
कारगिल युद्ध क्षेत्र में प्राची ने करीब तीन महीने बतौर मेडिकल ऑफिसर सैनिकों का इलाज किया.

डॉ. गर्ग ने बताया कि 2003 में वो सेना से रिटायर हो गईं. अब वो डॉ. केके अग्रवाल के साथ हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया में बतौर डॉक्टर काम कर रही हैं. कारगिल युद्ध ये दौरान सेना में उन्होंने जो अनुशासन सीखा था वो उनके जीवन में बहुत काम आ रहा है. मौजूदा समय में मेजर प्राची गर्ग अपने घर में OPD चलाती हैं. OPD में डॉक्टर प्राची आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श देती हैं.

वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.
वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.

ये भी पढ़ें- कारगिल विजय दिवस : जांबाज भारतीय सेना ने जीती थी हारी हुई बाजी, जानें कैसे हुआ मुमकिन

वर्ष 2016 में डॉ. प्राची को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा अमृतसर में आईएमए के डॉक्टर एपी शुक्ला मेमोरियल सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें नारी गौरव सम्मान समेत कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है. 2018 में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा उन्हें "नो प्लास्टिक कैंपेन" का ग्रीन एंबेसडर बनाया जा चुका है. मौजूदा समय में डॉ. प्राची इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पब्लिक ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम के उत्तर प्रदेश संयोजक के पद पर तैनात हैं.

वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.
वह आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात एकमात्र महिल अधिकारी थी.
Last Updated : Jul 26, 2022, 12:00 PM IST
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