नई दिल्ली/गाजियाबाद: दंगा नियंत्रण अभ्यास के हिस्से के रूप में मोदीनगर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. इस तरह का अभ्यास लगातार जारी है. साथ ही कानून व्यवस्था को मेंटेन रखने के लिए फ्लैग मार्च किया गया है. अभ्यास के दौरान देखा जाता है कि पुलिसकर्मी आपात स्थिति के लिए कितने तैयार हैं.
मसूरी इलाके में भी 2 दिन पहले पुलिस ने रात के समय मॉक ड्रिल की गई थी. जिसके तहत यह देखा गया था कि पुलिसकर्मी और उनके उपकरण कितने तैयार हैं. पूर्व में सीएए और एनआरसी को लेकर कई तरह के प्रदर्शन देखने को मिले थे. जिसके बाद पुलिस ने तमाम जगह पर स्थिति को काबू किया था. लेकिन उसके बाद लॉकडाउन हो गया था और लॉकडाउन में सड़कें खाली हो गई थी. अब सड़कों पर भीड़ बढ़ रही है और हर तरह की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी पुलिस पर ही होती है. इसलिए इस तरह के अभ्यास समय-समय पर किए जाने जरूरी हैं. वहीं एसएसपी के आदेश के बाद गाजियाबाद के तमाम सर्कल ऑफिसर इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं.
पुलिस की मौजूदगी बढ़ाती है विश्वास
अभ्यास के साथ-साथ होने वाले फ्लैग मार्च से लोगों में पुलिस की मौजूदगी से विश्वास भी बढ़ता है. लोगों को इस बात का एहसास होता है कि पुलिस उनके लिए हमेशा तत्पर है. साथ ही गुंडे, बदमाशों और असामाजिक तत्वों में पुलिस बल के फ्लैग मार्च से डर पैदा होता है.