नई दिल्ली/गाजियाबाद : मोदीनगर के ग्राम बिसोखर की लंकापुरी में तकरीबन 7 सालों से 10 से 15 परिवार बिना बिजली पानी के रहने को मजबूर हैं. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि बार-बार बिजली विभाग और अपने क्षेत्र के नेताओं से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें बिजली मुहैया नहीं कराई गई है.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बिजली विभाग का कहना है कि कॉलोनी में रहने वाले लोग अपने यहां का एस्टीमेट बनवाकर उसका पैसा बिजली विभाग में जमा करें तो ही उन लोगों को बिजली दी जा सकती है, अन्यथा नहीं. लोगों का कहना है कि तकरीबन दो साल से कोरोना चल रहा है और इस कोरोना काल में खाने पीने तक के लाले पड़े हुए हैं. परिवार पालना ही मुश्किल हो रहा है. तो ऐसे में वो लोग लाखों रुपये बिजली विभाग को कहां से देंगे.
पैसा न होने से गरीबों को नहीं मिल पा रही है बिजली
कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने अपने नेताओं को भी जमकर कोसा है. लोगों का कहना है कि नेता वोट मांगने तो आ जाते हैं, लेकिन काम के नाम पर गरीबों की कोई सुनवाई नहीं करता. बिजली न होने के कारण लोग घरों में बीमारी का शिकार हो रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं. जिस कारण परिवार अब यहां से पलायन को मजबूर हो रहे हैं.
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लोगों ने खुद पैसे इकट्ठा करके लगवाए ट्रांसफार्मर
ऐसा नहीं है कि बस्ती में बिजली की लाईन नहीं है. बस्ती में बिजली की लाईन भी है खम्बे भी गड़े हुए हैं और बिजली भी चालू है. मगर लाइन सिर्फ उन लोगों के यहां है. जिन लोगों ने अपने पैसों से ट्रांसफार्मर लगवाया है. जिनकी जेब में दम था उन लोगों ने बिजली ले ली. लेकिन जिन लोगों को खाने के लाले पड़े है वो लोग आज भी बिना बिजली के ही इस भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर हैं. जिनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
एस्टीमेट के पैसे जमा करने पर दिया जाएगा कनेक्शन
इस पूरे मामले को लेकर इलाके के बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अमित सक्सेना का कहना है कि जिस कॉलोनी में यह लोग रह रहे हैं. उसका एस्टीमेट बनाकर अलग से ट्रांसफार्मर लगाए जाने के लिए पैसा जमा करना है. यदि यह लोग स्टीमेट का पैसा जमा करते हैं, तो इनको कनेक्शन दे दिया जाएगा.