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गाजियाबाद: शिवरात्रि पर भक्त निराश, दूधेश्वर मंदिर में नहीं कर पा रहे दर्शन

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Published : Jul 19, 2020, 8:33 AM IST

कोरोना के बीच इस बार भक्त शिवरात्री के पावन पर्व पर भगवान शिव को जल नहीं अर्पित कर पाएंगे. ऐसा गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में हुआ. भक्तों ने बाहर से भगवान के दर्शन किए. वहीं मंदिर 31 जुलाई तक बंद रहेगा.

people are not able to worship doodheshwara god as temple is closed in ghaziabad
दूधेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाने से भक्त नाराज

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शिवरात्रि के पावन पर्व के मौके पर गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में आज भक्त निराश दिखाई दिए. क्योंकि उन्हें मंदिर के अंदर कोरोना की वजह से जाने का मौका नहीं मिला. इसलिए सुबह के वक्त ही वे मंदिर के द्वार के पास पहुंचे और यहां पर माथा टेका. मंदिर 31 जुलाई तक के लिए भक्तों के लिए बंद किया गया है. वहीं आज सुबह तड़के 11 पुरोहितों ने मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना की और भगवान दूधेश्वर का जलाभिषक किया. ऐसा पहली बार हुआ है जब शिवरात्रि के मौके पर भक्त जलाभिषेक नहीं कर पाए.

दूधेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाने से भक्त नाराज

अंधेरे में ही लग गई थी कतार

सुबह का उजाला हुआ भी नहीं था कि तभी से मंदिर के बाहर भक्तों की कतारें देखी गई. लेकिन मौके पर पुलिस ने भी लोगों को समझाया कि कोरोना काल के चलते मंदिर के कपाट बंद हैं. इसके बाद भक्त काफी निराश हो गए. हालांकि भक्तों ने मंदिर के द्वार पर ही माथा टेका और दिए जलाएं. बाद में फिर पुलिस ने लोगों को एकत्रित होने से मना किया. मंदिर प्रशासन की तरफ से भी आग्रह किया गया कि भगवान की पूजा-अर्चना घर पर रहकर ही करें.


सब ठीक करेंगे भगवान दूधेश्वर

श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान दूधेश्वर सब ठीक कर देंगे और आने वाले वक्त में भक्त सामान्य तरीके से ही भगवान दूधेश्वर के दर्शन कर पाएंगे. आपको बता दें कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में प्राचीन काल में रावण ने भी पूजा-अर्चना की थी. मंदिर वाली जगह पर प्राचीन काल में एक गाय आया करती थी, वह गाय स्वयं दूध दिया करती थी. बाद में वहां खुदाई की गई तो भगवान दूधेश्वर प्रकट हुए. सावन की शिवरात्रि के मौके पर लाखों भक्त इस मंदिर में पहुंचते हैं. जिनमें सबसे ज्यादा कांवड़ियों की संख्या होती है, लेकिन इस बार कावड़ यात्रा पर भी रोक लगाई गई थी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शिवरात्रि के पावन पर्व के मौके पर गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में आज भक्त निराश दिखाई दिए. क्योंकि उन्हें मंदिर के अंदर कोरोना की वजह से जाने का मौका नहीं मिला. इसलिए सुबह के वक्त ही वे मंदिर के द्वार के पास पहुंचे और यहां पर माथा टेका. मंदिर 31 जुलाई तक के लिए भक्तों के लिए बंद किया गया है. वहीं आज सुबह तड़के 11 पुरोहितों ने मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना की और भगवान दूधेश्वर का जलाभिषक किया. ऐसा पहली बार हुआ है जब शिवरात्रि के मौके पर भक्त जलाभिषेक नहीं कर पाए.

दूधेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाने से भक्त नाराज

अंधेरे में ही लग गई थी कतार

सुबह का उजाला हुआ भी नहीं था कि तभी से मंदिर के बाहर भक्तों की कतारें देखी गई. लेकिन मौके पर पुलिस ने भी लोगों को समझाया कि कोरोना काल के चलते मंदिर के कपाट बंद हैं. इसके बाद भक्त काफी निराश हो गए. हालांकि भक्तों ने मंदिर के द्वार पर ही माथा टेका और दिए जलाएं. बाद में फिर पुलिस ने लोगों को एकत्रित होने से मना किया. मंदिर प्रशासन की तरफ से भी आग्रह किया गया कि भगवान की पूजा-अर्चना घर पर रहकर ही करें.


सब ठीक करेंगे भगवान दूधेश्वर

श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान दूधेश्वर सब ठीक कर देंगे और आने वाले वक्त में भक्त सामान्य तरीके से ही भगवान दूधेश्वर के दर्शन कर पाएंगे. आपको बता दें कि प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में प्राचीन काल में रावण ने भी पूजा-अर्चना की थी. मंदिर वाली जगह पर प्राचीन काल में एक गाय आया करती थी, वह गाय स्वयं दूध दिया करती थी. बाद में वहां खुदाई की गई तो भगवान दूधेश्वर प्रकट हुए. सावन की शिवरात्रि के मौके पर लाखों भक्त इस मंदिर में पहुंचते हैं. जिनमें सबसे ज्यादा कांवड़ियों की संख्या होती है, लेकिन इस बार कावड़ यात्रा पर भी रोक लगाई गई थी.

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