नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश के कई हिस्सों में माना जा रहा है कि जुलाई में स्कूल खोले जा सकते हैं. गाजियाबाद में पेरेंट्स इस बात का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अभी हमारा देश बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.
बच्चों पर स्कूल खुलने से बड़ा खतरा मंडरा सकता है. डीपीएस अभिभावक वेलफेयर संगठन की अध्यक्ष प्रियंका राणा ने कहा कि भले ही हरियाणा में स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई हो. लेकिन ये ठीक नहीं है. सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अपने छोटे बच्चों को खतरे में नहीं डाल सकते.
सरकार लेगी जिम्मेदारी?
पेरेंट्स एसोसिएशन सवाल उठा रहे हैं कि अगर बच्चों को स्कूल में कुछ हो जाता है तो क्या उसकी जिम्मेदारी सरकार लेगी. जो बच्चे खुद खाना नहीं खा सकते वह बच्चे कोरोना के प्रिकॉशंस कैसे फॉलो करेंगे.
बच्चों की जान दांव पर नहीं लगानी चाहिए और अभी थोड़ा वक्त स्कूल खोलने के लिए दिया जाना चाहिए. बच्चों को हम अपनी जान से ज्यादा प्यार करते हैं और उनको खतरे में डालने की हम सोच भी नहीं सकते. हम सरकार के इस फैसले में साथ नहीं दे सकते हैं क्योंकि लगातार कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं
14 जून को प्रोटेस्ट की तैयारी
बताया जा रहा है कि 14 जून को पेरेंट्स प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. उनकी दो मांग है. पहली मांग ये है कि लॉकडाउन के दौरान फीस माफ की जानी चाहिए. और दूसरी मांग ये है कि फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए.
देखना यह होगा कि पेरेंट्स एसोसिएशन की तरफ से आ रही इस तरह की चेतावनी से पहले क्या ठोस कदम सरकार की तरफ से उठाए जाते हैं? जिससे अभिभावक सड़क पर न उतरें.