नई दिल्ली/गाजियाबाद: NGT ने अर्थला झील के आसपास बने 550 मकानों को तोड़ने के आदेश दिए हैं. नगर निगम 25 मई के बाद मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू करेगा. एनजीटी ने 31 मई से पहले झील की जमीन को खाली कराने को कहा है.
अर्थला झील के आस-पास आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने सस्ते दरों पर जमीन खरीदकर मकान बनाए हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं.
बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट सुशील राघव की ओर से एनजीटी में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. दायर की गई याचिका में इस बात का उल्लेख था कि झील की जमीन पर पक्का निर्माण कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने इस मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम को झील की जमीन से कब्जा हटवाने के आदेश दिए. लेकिन अभी तक इस जमीन से कब्जे नहीं हटाए गए. NGT में सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन ने आचार संहिता का हवाला देकर एनजीटी से कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी.
अब इस पूरे मामले पर एनजीटी ने 31 मई से पहले झील की जमीन खाली कराने को कहा है. जिला प्रशासन और नगर निगम को 31 मई को होने वाली सुनवाई के दौरान अनुपालन रिपोर्ट भी पेश करनी होगी.
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले भी अर्थला झील के आसपास बने मकानों को तोड़ने के आदेश दिए गए थे. लेकिन अब एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करना नगर निगम के लिए आसान नहीं होगा. नगर निगम ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है, पुलिस कप्तान से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग भी की है.