नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि बिलों पर राजनीति लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ नरेंद्र मोदी सरकार कृषि बिलों को किसानों के हित में उठाया गया ऐतिहासिक कदम बता रही है. तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टीयां और किसान संगठन कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं. कई राज्यों में कृषि बिलों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं.
राजनीतिक फायदा देख रही राजनीतिक पार्टियां
भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने अपने राजनीतिक फायदों के लिए कृषि बिलों को लेकर किसानों को भ्रमित किया है. कृषि बिलों के बारे में किसान कुछ समझ पाते इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने किसानों में कृषि बिलों को लेकर भ्रम डालने का काम शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को 2022 तक दुगना करने का वादा किया था. जिस को पूरा करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा कृषि बिल लाए गए हैं.
गांव-गांव जाकर किसानों को देंगे जानकारी
राजकुमार चाहर ने कहा कि किसानों का भ्रम दूर करने और कृषि फलों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों को कृषि बिल के बारे में जानकारी दे रहे हैं. हाल ही में कृषि बिलों के विरोध में विपक्षी पार्टी द्वारा इंडिया गेट के पास ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया गया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसान खेती-किसानी के उपकरणों को अपनी आत्मा मानता है.
ट्रैक्टर आदि से किसान फसल पैदा कर देश का पेट भरता है और इन उपकरणों की पूजा करता है लेकिन विपक्षी पार्टियों द्वारा कृषि उपकरण को जलाया गया. विपक्षी पार्टी द्वारा किसान की रोजी-रोटी के मुख्य साधन को जलाने का काम किया गया.
उन्होंने कहा कि मैं विश्वास से कहता हूं कि आने वाले समय में किसानों को कृषि बिलों से बहुत फायदा मिलेगा. एक तरफ जहां किसानों की आय बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ किसानों के जीवन में खुशहाली और उन्नति आएगी.