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शर्मनाक! 'मामूली कपड़े पहने संत को शताब्दी में चढ़ने से रोका'

82 साल के बाबा राम अवध दास ने बताया कि उनका टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था. इसके बावजूद शताब्दी एक्सप्रेस के गेट पर सवार कुछ पुलिसकर्मियों और कोच के अटेंडेंट ने उन्हें ट्रेन में घुसने नहीं दिया और उन्हें भ्रमित करते रहे कि उनकी ट्रेन अभी कानपुर में है.

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Published : Jul 5, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 11:46 PM IST

पीड़ित बुजर्ग व्यक्ति

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के इटावा से गाजियाबाद आने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे एक बुजुर्ग शख्स को सिर्फ इसलिए शताब्दी ट्रेन पर नहीं चढ़ने दिया गया, क्योंकि वो बेहद साधारण कपड़े पहने हुए थे. जबकि बुजुर्ग व्यक्ति का का टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था, ये चौंका देने वाली खबर गाजियाबाद से सामने आई है.

शर्मनाक! गाजियाबाद में बुजुर्ग को शताब्दी एक्सप्रेस में चढ़ने से रोका, पहने हुए थे मामूली कपड़े

82 साल के बाबा राम अवध दास ने बताया कि उनका टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था. इसके बावजूद शताब्दी एक्सप्रेस के गेट पर सवार कुछ पुलिसकर्मियों और कोच के अटेंडेंट ने उन्हें ट्रेन में घुसने नहीं दिया और उन्हें भ्रमित करते रहे कि उनकी ट्रेन अभी कानपुर में है.

'पहली बार हुआ भेदभाव'

शताब्दी एक्सप्रेस के गुजर जाने के बाद जब उन्होंने आसपास मौजूद लोगों से अपना टिकट दिखाया तो लोगों ने बताया कि उनका टिकट तो शताब्दी एक्सप्रेस में ही था. जो कि अभी-अभी सामने से निकली है. बुजुर्ग व्यक्ति ने आगे बताया कि वो अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं लेकिन उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार और भेदभाव वाला रवैया पहली बार हुआ है.

misbehave with old man who wanted to travel in shatabdi express due to close
संत को शताब्दी में चढ़ने से रोका

मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के निवासी राम अवध दास फिलहाल बाराबंकी में रहते हैं और वो अपने भक्तों से मिलने इटावा गए थे. जहां से वो गाजियाबाद में अपने दूसरे भक्तों से मिलने के लिए शताब्दी से गाजियाबाद जाने के लिए इटावा रेलवे स्टेशन पर पहुचे थे. जहां उनके साथ ये बदसलूकी हुई.

इस घटना के बाद से बुजुर्ग के अनुयायियों में काफी आक्रोश है. उन्होंने सवाल उठाया है कि मामूली कपड़े पहनने से क्या किसी शख्स को ट्रेन में चढ़ने से रोका जा सकता है. भक्तों का कहना है कि उनके कुलगुरु को सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतारा गया क्योंकि उनके कपड़े साधारण थे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के इटावा से गाजियाबाद आने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे एक बुजुर्ग शख्स को सिर्फ इसलिए शताब्दी ट्रेन पर नहीं चढ़ने दिया गया, क्योंकि वो बेहद साधारण कपड़े पहने हुए थे. जबकि बुजुर्ग व्यक्ति का का टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था, ये चौंका देने वाली खबर गाजियाबाद से सामने आई है.

शर्मनाक! गाजियाबाद में बुजुर्ग को शताब्दी एक्सप्रेस में चढ़ने से रोका, पहने हुए थे मामूली कपड़े

82 साल के बाबा राम अवध दास ने बताया कि उनका टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था. इसके बावजूद शताब्दी एक्सप्रेस के गेट पर सवार कुछ पुलिसकर्मियों और कोच के अटेंडेंट ने उन्हें ट्रेन में घुसने नहीं दिया और उन्हें भ्रमित करते रहे कि उनकी ट्रेन अभी कानपुर में है.

'पहली बार हुआ भेदभाव'

शताब्दी एक्सप्रेस के गुजर जाने के बाद जब उन्होंने आसपास मौजूद लोगों से अपना टिकट दिखाया तो लोगों ने बताया कि उनका टिकट तो शताब्दी एक्सप्रेस में ही था. जो कि अभी-अभी सामने से निकली है. बुजुर्ग व्यक्ति ने आगे बताया कि वो अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं लेकिन उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार और भेदभाव वाला रवैया पहली बार हुआ है.

misbehave with old man who wanted to travel in shatabdi express due to close
संत को शताब्दी में चढ़ने से रोका

मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के निवासी राम अवध दास फिलहाल बाराबंकी में रहते हैं और वो अपने भक्तों से मिलने इटावा गए थे. जहां से वो गाजियाबाद में अपने दूसरे भक्तों से मिलने के लिए शताब्दी से गाजियाबाद जाने के लिए इटावा रेलवे स्टेशन पर पहुचे थे. जहां उनके साथ ये बदसलूकी हुई.

इस घटना के बाद से बुजुर्ग के अनुयायियों में काफी आक्रोश है. उन्होंने सवाल उठाया है कि मामूली कपड़े पहनने से क्या किसी शख्स को ट्रेन में चढ़ने से रोका जा सकता है. भक्तों का कहना है कि उनके कुलगुरु को सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतारा गया क्योंकि उनके कपड़े साधारण थे.

Intro:गाज़ियाबाद : गाज़ियाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश के इटावा से गाज़ियाबाद आने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस का इंतज़ार कर रहे एक बुजुर्ग शख्स को सिर्फ इसलिए शताब्दी ट्रेन पर नहीं चढ़ने दिया गया क्योंकि उन्होंने बेहद मामूली कपड़े पहन रखे थे.जबकि उनका टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कंफर्म था. Body:इस सबन्ध में 82 वर्षीय बाबा राम अवध दास ने बताया कि उनका टिकट शताब्दी एक्सप्रेस में कन्फर्म था इसके बावजूद शताब्दी एक्सप्रेस के गेट पर सवार कुछ पुलिसकर्मियों और कोच के अटेंडेंट ने उन्हें ट्रेन में घुसने नहीं दियाऔर उन्हें भ्रमित करते रहे कि उनकी ट्रेन अभी कानपुर में है. शताब्दी एक्सप्रेस के गुजर जाने के बाद जब उन्होंने आसपास मौजूद लोगों से अपना टिकट दिखाया तो लोगों ने बताया कि उनका टिकट तो शताब्दी एक्सप्रेस में ही था जो कि अभी अभी आपके सामने से निकली है.बाबा ने आगे बताया कि वो अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं लेकिन उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार और भेदभाव वाला रवैया पहली बार हुआ है. मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के निवासी राम अवध दास फिलहाल बाराबंकी में रहते हैं और वह अपने भक्तों से मिलने इटावा गए थे. जहां से वो गाजियाबाद में अपने दूसरे भक्तों से मिलने के लिए शताब्दी से गाजियाबाद जाने के लिए इटावा रेलवे स्टेशन पर पहुचें थे जहां उनके साथ ये हादसा हुआ.Conclusion:इस घटना के बाद से बाबा के भक्तों में काफी आक्रोश है. उनके भक्तों ने सवाल उठाया है कि मामूली कपड़े पहनने से क्या किसी शख्स की पहचान होती है. भक्तों का कहना है कि उनके कुलगुरु को सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतारा गया क्योंकि उनके कपड़े मामूली थे.
Last Updated : Jul 5, 2019, 11:46 PM IST
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